जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की ओर से गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दिये जाने के बाद सोमवार को कहा कि चुनाव समीप आ रहे हैं इसलिए आतंकवादियों के पक्ष में बोलना मुफ्ती की मजबूरी है। मुफ्ती ने जम्मू में एक आतंकवादी के परिवार को पुलिस द्वारा कथित रूप से परेशान करने के मामले को लेकर रविवार को राज्यपाल को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी।

मलिक ने जम्मू विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से कहा,“ मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मुफ्ती ने क्या कहा है क्योंकि वह मेरे दोस्त की बेटी है, लेकिन एक बात स्पष्ट है कि आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए आतंकवादियों के पक्ष में बोलना उनकी मजबूरी है।”

राज्यपाल ने कहा कि यदि कुछ गलत हुआ है तो वह इस मामले में उच्च स्तरीय जांच के आदेश देंगे। उन्होंने कहा कि हमारा आतंकवादियों के परिवारों के साथ कोई भी व्यक्तिगत मामला नहीं है और सुरक्षाबलों को आतंकवाद निरोधक  अभियान के दौरान सावधान रहने के लिए सख्त निर्देश जारी किए गए हैं।

राज्यपाल ने हालांकि वर्ष 2018 को कई मामलों में राज्य के लिए बेहतर करार देते हुए कहा कि इस दौरान कई रुकी हुई विकास परियोजनाओं को दोबारा शुरू किया गया और लोगों को अब यह एहसास होने लगा है कि यदि राज्य में शांति स्थापित होती है तो तरक्की अपने आप होगी। मलिक ने कहा कि पंचायत एवं निकाय चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित किए गए जिससे पता चलता है कि राज्य में लोकतांत्रिक व्यवस्था पुन: स्थापित हो चुकी है।

-साभार, ईएनसी टाईम्स

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