मध्यप्रदेश विधान सभा की पुरानी परंपरा आज टूट गयी है। स्‍पीकर और डीप्‍टी स्‍पीकर दोनों ही पदों पर कांग्रेस ने कब्जा कर लिया है। वही बीजेपी ने स्‍पीकर और डीप्‍टी स्‍पीकर के चुनाव को लोकतंत्र के लिए काला दिन बताते हुए कोर्ट जाने की बात कही है। तो सूबे के मुखिया कमलनाथ ने कहा है कि बीजेपी को जहां जाना है जाए। अगले डेढ़ महीने में किसानों का कर्जा माफ हो। ये खुद किसान कहे, हम इसकी कोशिश कर रहे हैं।

बता दें विधानसभा अध्‍यक्ष और उपाध्‍यक्ष दोनों पदों पर कांग्रेस ने कब्‍जा कर लिया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी ने प्रलोभन देने का काम किया, लेकिन इसमें सफल नही हो पाये। कांग्रेस विधायक टस से मस नहीं होने वाले। बीजेपी ने मुझे मजबूर किया बहुमत सिद्ध करने के लिए। इसलिए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर चुनाव हुए।

120 सदस्य स्पीकर के पक्ष में मतदान किया। अभी तो बीजेपी के बहुत से खुलासे होना बाकी है। ये तो केवल ट्रेलर है। बीजेपी सदन में वोटिंग ही नहीं चाहती थी इसीलिए हंगामा कर रही थी। पंरपरा तोड़ने का काम बीजेपी ने शुरू किया और हमसे अपेक्षा रखती है कि हम परम्पराओं का पालन करें। कमलनाथ ने कहा कि स्पीकर डिप्टी स्पीकर का चुनाव नियम प्रक्रियाओं से ही हुआ है।

बता दे, मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने गुरुवार को कांग्रेस विधायक हिना कावरे को उपाध्यक्ष घोषित किया। भाजपा की ओर से इस पद के लिए विधायक जगदीश देवड़ा के नाम का प्रस्ताव रखा गया था। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए वोटिंग नहीं कराई गई। यह चयन प्रक्रिया अलोकतांत्रिक है। हम फैसले को कोर्ट में चुनौती देंगे। हंगामें के चलते सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।

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