कुछ ही महीनों में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव हैं, ऐसे में प्रशासन की जिम्मेदारी है कि शांतिपूर्ण तरीके से विधानसभा चुनाव हो। लेकिन विधानसभा चुनाव की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर मध्य प्रदेश में शांतिपूर्ण तरीके से विधानसभा चुनाव कैसे होगा? क्योंकि प्रदेश के सात सौ से ज्यादा थाने टीआई विहीन हैं, जबकि नियम कहता है कि चुनाव के समय हर थाने में इंस्पेक्टर रैंक का अधिकारी होना चाहिए।
विधानसभा चुनाव की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। ये हड़कंप प्रदेश के सात सौ से ज्यादा थानों में टीआई नहीं होने की वजह से है। पुलिस विभाग के सामने थानों में इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों को पदस्थ करने की सबसे बड़ी चुनौती भी है।
चुनाव के समय नियम है कि विधानसभा क्षेत्र में आने वाले थानों के इंचार्ज इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी होने चाहिए। चुनाव आयोग ने नियमों के ध्यान में रखते हुए पुलिस विभाग को निर्देश भी दिए हैं। आयोग के निर्देश का पुलिस विभाग पालन भी कर रहा है, लेकिन समय कम बचा है और टीआई विहीन थानों की वजह से सवाल भी उठने लगे हैं।
कांग्रेस ने भी चुनाव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस विभाग पर सवाल उठाए हैं। टीआई विहीन थानों को लेकर कांग्रेस ने आयोग में शिकायत भी की है। प्रदेश के थानों में इंस्पेक्टर की पोस्टिंग का सिलसिला जारी है, लेकिन पोस्टिंग की कछुआ चाल ने विधानसभा चुनाव की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
एपीएन ब्यूरो