दुनिया भर के Bank खाताधारकों (Account Holders) के सामने यह एक बड़ी चुनौती होती है कि अगर उनका बैंक डूब जाता है तो उनके पैसे का क्या होगा? भारत में भी कई बैंकों के डूब जाने के बाद ग्राहकों ने जमकर हंगामा किया था। पहले भारत सरकार की तरफ से बैंक डूब जाने के बाद ग्राहकों को देने की घोषणा की गयी थी। जिसे बाद में बढ़ा कर 1 लाख कर दिया गया। रविवार को प्रधानमंत्री ने एक कार्यक्रम में कहा कि अब ग्राहकों को 5 लाख रुपये देने की योजना है।
पीएम ने कहा कि पहले बैंक में जमा रकम में से सिर्फ 50 हजार रुपये तक की राशि पर ही गारंटी थी। फिर इसे बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया था। गरीब और मध्यम वर्ग की चिंता को समझते हुए हमने इसे 5 लाख रुपये कर दिया है। इतना व्यापक सुरक्षा कवच तो विकसित देशों में भी नहीं है।
डिपोजिटर्स के लिए बनाया गया सुरक्षा कवच
आज कोई भी बैंक अगर संकट में आता है तो डिपोजिटर्स को 5 लाख रुपये तक तो जरूर मिलेगा। इससे करीब 98% लोगों के खाते पूरी तरह से कवर हो चुके हैं। आज डिपोजिटर्स का लगभग 76 लाख करोड़ रुपये पूरी तरह से सुरक्षित हैं। इतना व्यापक सुरक्षा कवच विकसित देशों में भी नहीं है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में बैंक डिपॉजिटर्स के लिए इंश्योरेंस की व्यवस्था 60 के दशक में बनाई गई थी। पहले बैंक में जमा रकम सिर्फ 50,000 रुपये तक की राशि पर ही गारंटी थी, फिर इसे बढ़ाकर 1 लाख रुपये का दिया गया था। हमने इस राशि को एक लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है।