कुशीनगर नगर हादसे को लेकर एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। बात कुशीनगर में हुए दर्दनाक हादसे के बाद संवेदनहीनता के पराकाष्ठा की…कुशीनगर में बीते गुरुवार को बड़ा हादसा हुआ था…अब इस हादसे के बाद एक और बेरुखी और गुस्से से भरी खबर आई है…रेल हादसे में मृत बच्चे के शव का पोस्टमार्टम करने वाले जमीन के भगवान डाक्टरों और अस्पताल कर्मचारियों ने बड़ी संवेदनहीनता दिखाई है…पोस्टमार्टम के बाद बच्चों के शवों को बिना टांके लगाए ही उनके गमजदा परिजनों को सौंप दिए…अंतिम संस्कार के लोगों ने इस दर्दनाक तस्वीर को दोबारा देखा…डाक्टरों की लापरवाही पर जनता आक्रोशित है…बीते दिन दुदही  रेलवे स्टेशन के मानव रहित ढाले पर कल स्कूली वैन और ट्रेन में टक्कर होने से 13 बच्चों की मौत हो गई थी…

Kushi Nagar Incident: After Postmortem, the body be handed over to the family without stitchesकुशीनगर हादसे में तेरह चिराग बुझ गए…विशुनपुरा थाने के मिश्रौली गांव निवासी अमरजीत और किरन के परिवार में तो तीन बच्चों दो बेटों  अनूप, रवि और बेटी रागिनी की दर्दनाक मौत हो गई…जिससे उनके घर का आंगन हमेशा के लिए खामोश हो चुका है…वहां अब खिलखिलाहटों, ठिठोलियों और मीठी डांट की जगह गम का सन्नाटा पसरा हुआ है…

मिश्रौली गांव में दो दिनों से चूल्हा नहीं जला है…तीनों बच्चों के माता-पिता अमरजीत और किरन बदहवास हैं, उन्हें हर छोटे बच्चे की आवाज और चेहरे में अपने लाडली बिटिया और बेटों की झलक दिखती है…लेकिन, दुख तो इस बात का है कि, उनकी प्यारी बेटी और बेटे इस दुनिया से हमेशा के लिए जा चुके हैं…यही हालत दस और माता-पिता की है…जिनके दुख को कोई बांट नहीं सकता, उनका दुख दुनिया में सबसे बड़ा है…क्योंकि, संतान का अपनी आंखों के सामने से हमेशा के लिए चले जाने से बड़ा गम इस संसार में और कोई नहीं।

—एपीएन ब्यूरो

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