अफगानिस्तान आजादी के जश्न के 4 दिन पहले ही फिर तालिबान का गुलाम बन गया। इस गुलामी को दुनिया में कई इस्लामिक देश स्वतंत्रता की पट्टी बांध कर देख रहे हैं। इस्लामिक देश तालिबान के भय या राजनीतिक कारणों से समर्थन तो कर ही रहें हैं लेकिन भारत में भी उनके कई प्रेमी बैठे हैं जो कह रहे हैं कि तालिबान ने अपने देश को आजाद करा लिया है।
तालिबान की वकालत करने वालों को सीएम योगी से लेकर कई बीजेपी नेताओं ने खरी खोटी सुनाई है। अब आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और दिग्गज शायर कुमार विश्वास ने भी तालिबान के शुभ चिंतकों की क्लास लगा दी है। अपने ट्वीट के जरिए विश्वास ने इन्हें कुत्ता कहा है।
कुमार विश्वास ने ट्वीट कर लिखा कि “ज़्यादा दिमाग़ न लगाइए। अगर पड़ोस के घर में मची अफ़रातफ़री के कारण,ज़िंदगी भर आपसे इज़्ज़त पाने वाले और आपके घर में रह रहे, बदबूदार सोच से भरे किसी जाहिल शख़्स का पर्दाफ़ाश हो रहा है तो शोक नहीं, शुक्र मनाइए कि दो पैसे की प्याली गई (वो भी पड़ोसियों की) पर कुत्ते की जात पहचानी गई।”
बता दें कि कुमार विश्वास ने यह ट्वीट तब किया था जब कांग्रेस नेता और शायर मुनव्वर राना ने तालिबान का समर्थन करते हुए कहा था कि, उन्होंने अपने देश को आजाद कराया है। अपनी मिट्टी के लिए लड़ना उनका हक है।
एक अधिकारिक अखबार से बात करते हुए राना ने कहा था कि, तालिबान ने सही किया, अपनी जमीन पर कब्जा तो किसी भी तरह किया जा सकता है। तालिबान को आतंकी कहने पर मुनव्वर राना ने कहा, आतंकी तो आप कह रहें हैं ना आप खुल्लमखुल्ला यह कहते हैं कि हर मुसलमान आतंकी नहीं होता लेकिन हर आतंकी मुसलमान होता है। आपके यहां तो आतंकी की परिभाषा निकाली ही नहीं गई है कि कौन आतंकी है कौन आतंकी नहीं है। उन्होंने कहा कि तालिबान आतंकी संगठन हो सकता है लेकिन वह अपने मुल्क के लिए लड़ रहे हैं तो आप उन्हें आतंकी कैसे कह सकते हैं।
मुनव्वर के इस बयान पर कुमार विश्वास ने अपने तंज भरे लहजे में क्लास लगा दी है। भारत में तालिबान का समर्थन करने वाले इकलौते मुनव्वर राना ही नहीं हैं बल्कि इनसे पहले उत्तर प्रदेश के संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर रहमान बर्क भी तालिबान का स्वागत कर चुके हैं।
शफीकुर रहमान बर्क ने सोमवार को मीडिया से बात करते हुए कहा था कि, जिस तरह भारत अंग्रेजों की गुलामी से आजाद होने के लिए लड़ रहा था उसी तरह तालिबान भी अमेरिकी शासक से लड़ रहा है। वे अपनी आजादी के लिए लड़ रहे हैं। वैसे भी यह अफगानिस्तान का आंतरिक मुद्दा है हमे इस पर बात नहीं करनी चाहिए। रहमान ने आगे कहा, मैं तालिबान का समर्थन नहीं करता हूं यह उनका मामला।
इनके बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता सज्जाद नोमानी भी तालिबान का जमकर स्वागत किया है, उन्होंने तालिबान की जीत के लिए अल्लाह का शुक्रियादा कहा। हिंदुस्तान का मुसलमान, तालिबान को सलाम करता है। नोमानी ने आगे कहा कि पूरी दुनिया ने देखा कि कैसे एक निहत्थी कौम ने दुनिया की सबसे मजबूत फौजों का मुकाबला किया और काबुल के महल में वे दाखिल हो गए। उनमें किसी भी तरह का घमंड नहीं था, बड़े बोल नहीं थे।
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