जानिए ईरान के Chabahar बंदरगाह और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (INSTC) के बारे में, जिनके माध्यम से भारत अरब देशों में चीन के दबदबे पर लगाएगा लगाम

पिछले दिनों केन्‍द्रीय बंदरगाह, नौवहन, जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने ईरान के उप राष्‍ट्रपति मोहम्मद मोखबर से ईरान की राजधानी तेहरान में मुलाकात कर भारत-और ईरान के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के बारे में चर्चा की.

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जानिए ईरान के Chabahar बंदरगाह और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (INSTC) के बारे में, जिनके माध्यम से भारत अरब देशों में चीन के दबदबे पर लगाएगा लगाम - APN News

पिछले दिनों केन्‍द्रीय बंदरगाह, नौवहन, जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने ईरान के उप राष्‍ट्रपति मोहम्मद मोखबर से ईरान की राजधानी तेहरान में मुलाकात कर भारत-और ईरान के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के बारे में चर्चा की.

Indian delegation at Chabahar

इस दौरान सर्बानंद सोनोवाल ने ईरान के चाबहार में स्थित शाहिद बहस्ती बंदरगाह का दौरा कर वहां जारी विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की. इसके साथ ही बंदरगाह की संचालन क्षमता को बढ़ाने के लिए इंडियन पोर्ट्स ग्लोबल चाबहार फ्री ट्रेड जोन (आईपीजीसीएफटीजेड) को छह मोबाइल हार्बर क्रेन भी सौंपी.

बैठक में सोनोवाल ने क्षेत्र के लिए एक व्यापार गुणक के रूप में चाबहार की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बंदरगाह के मध्य एशिया और दक्षिण एशिया, यहां तक ​​कि दक्षिण पूर्व एशिया के बीच एक तेज, किफायती व्यापार वाहक के रूप में कार्य करने की संभावना है और इसकी क्षमता का पूरी तरह से दोहन किया जाना बाकी है.

Chabahar 1

चाबहार बंदरगाह

चाबहार बंदरगाह ईरान के ऊर्जा संपन्न दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित है.

चाबहार पोर्ट का निर्माण 1973 से हो रहा है, लेकिन संसाधनों के अभाव में अब तक भी कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है.

भारत सरकार के द्वारा 2002 में इस बंदरगाह के निर्माण के लिए संसाधन मुहैया कराना शुरू किया गया था.

चाबहार के शहीद बेहिश्ती बंदरगाह को चलाने वाली कंपनी इंडिया पोर्ट्स एंड ग्लोबल (आईपीजीएल) कंपनी जल्द ही तेहरान और चाबहार में अपने दफ्तर खोलेगी. आईपीजीएल जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट और कांडला पोर्ट ट्रस्ट द्वारा मिल कर बनाई भारत सरकार की एक संयुक्त उद्यम कंपनी है, जो चाबहार के शहीद बेहिश्ती बंदरगाह को चलाती है.

चाबहार ईरान का एकलौता समुद्री बंदरगाह है और भारत इसे अपनी सामरिक हितों को पूरा करने की दृष्टि से बेहद अहम मानता है.

चाबहार के माध्यम से भारत पूरी तरह से पाकिस्तान को नजरअंदाज कर अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक के देशों में अपना सामान भेज सकता है.

जब से इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड (आईपीजीपीएल) ने शाहिद बहिश्ती बंदरगाह का संचालन शुरू किया है, इसने 48 लाख टन से अधिक बल्क कार्गो का आवागमन संभाला है.

2020 में भारत ने चाबहार के माध्यम से 75,000 टन गेहूं अफगानिस्तान भेजा था.

Chabahar

चाबहार का महत्तव

चाबहार भारत को समुद्री मार्ग का उपयोग करके अफगानिस्तान में सामान के परिवहन में पाकिस्तान को बायपास करने का मार्ग प्रशस्त करेगा.

वर्तमान में पाकिस्तान (कुछ अपवादों को छोड़कर), भारत को अपने क्षेत्र से अफगानिस्तान तक यातायात की अनुमति नहीं देता है.

यह अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (INSTC) को गति प्रदान करेगा, जिसमें दोनों (भारत और ईरान) रूस के साथ प्रारंभिक हस्ताक्षरकर्ता हैं.

ईरान इस परियोजना का प्रमुख प्रवेश द्वार है.

यह अरब देशों और पाकिस्तान में चीनी उपस्थिति का मुकाबला करेगा.

Sonowal at Chabahar

अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (INSTC)

ईरान, रूस और भारत द्वारा सेंट पीटर्सबर्ग में 12 सितंबर, 2000 को स्थापित अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियाराएक बहु-मॉडल परिवहन परियोजना है.इसका मुख्य उद्देशयसदस्य देशों के बीच परिवहन सहयोग को बढ़ावा देना है.

अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारामें अजरबैजान आर्मेनिया, कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान, तुर्की, यूक्रेन, बेलारूस, ओमान, सीरिया और बुल्गारिया पर्यवेक्षक हैं.

अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारामाल परिवहन के लिये जहाज, रेल और सड़क मार्ग के 7,200 किलोमीटर लंबे बहुउद्देशीय नेटवर्क को लागू करता है, जिसका उद्देश्य भारत और रूस के बीच परिवहन लागत को लगभग 30 फीसदी तक कम करना एवं पारगमन समय को अभी लगने वाले 40 दिनों के मुकाबले आधे से अधिक कम करना है.

अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा ईरान के जरिए हिंद महासागर और फारस की खाड़ी को कैस्पियन सागर से जोड़ता है एवं रूसी संघ के माध्यम से सेंट पीटर्सबर्ग एवं उत्तरी यूरोप से जुड़ा हुआ है. इस मार्ग से मुख्य रूप से भारत, ईरान, अजरबैजान और रूस से माल ढुलाई शामिल है.

उद्देश्य और महत्तव

अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियाराका उद्देश्य मुंबई, मॉस्को, तेहरान, बाकू, अस्त्रखान जैसे प्रमुख शहरों के बीच व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है.

अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (Belt and Road Initiative) के व्यवहार्य और उचित विकल्प के रूप में प्रदान किया जाएगा. इसके अलावा यह क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा.

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