नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के घर हुई चोरी के मामलें को दिल्ली पुलिस ने सुलझा लिया है। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी राजन, सुनील और विनोद के पास से चोरी की गई नोबेल की प्रतिकृति, प्रशस्तिपत्र और अन्य जेवरात भी बरामद हुए हैं।

कैलाश सत्यार्थी दिल्ली के सबसे पॉश माने जाने वा इलाके ग्रेटर कैलाश के अरावली अपार्टमेंट में रहते हैं। 7 फरवरी को उनके इसी घर में चोरी हुई जिसमें चोर घर के कुछ समान, जेवरात के साथ-साथ नोबेल की प्रतिकृति भी चुरा ले गए। घटना के वक्त कैलाश सत्यार्थी एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने लैटिन अमेरिका के बोगाटा शहर गए हुए थे। एक नोबेल विजेता के घर से नोबेल रेप्लिका की चोरी होना पुलिस के लिए गले की गड्डी बन गया था। पुलिस ने इस मामले में बिना देरी किए कार्यवाई की और चोरों के साथ-साथ चुराए गए समानों को भी बरामद किया।

Nobelकैलाश सत्यार्थी पेशे से इंजीनियर थे लेकिन 26 वर्ष के उम्र में उन्होंने अपना करियर छोड़कर बच्चों के अधिकारों को दिलाने और उनके हित में काम करना शुरु कर दिया था। वह अपना एक एनजीओ भी चलाते है जिसका नाम “बचपन बचाओ आंदोलन” है। इस क्षेत्र में काफी वर्षों से काम करने वाले कैलाश सत्यार्थी को वर्ष 2014 में नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया था। कैलाश ने अपने नोबेल पुरस्कार देश के नाम समर्पित कर दिया था, उन्होंने ने जनवरी 2015 में नोबेल शांति पुरस्कार के मेडल को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को सौंप दिया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि असली मेडल को संरक्षित रखना चाहिए जिसके बाद से उनके मेडल को राष्ट्रपति भवन के संग्रहालय में रखा गया है। सत्यार्थी ने अपने पुरस्कार की प्रतिलिपि और प्रशस्तिपत्र को अपने पास रखा था।

इन चीजों की चोरी होने पर कैलाश ने कहा था कि ये सारी चीज़े परिवार के लिए काफी कीमती होती हैं, इनके चोरी होने से मैं दुखी हुँ। उन्होंने चोरों से उनके अवार्ड को लौटाने की अपील करते हुए कहा था कि वो सिर्फ अवार्ड नहीं बल्कि देश की धरोहर है। जिन लोगों ने उसे चोरी किया वे भी इसी देश के नागरिक है ऐसे में सबकी जिम्मेदारी बनती है कि नोबेल पुरस्कार को वापिस लाया जाए।

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