कितने चुनाव आए और कितने चले गए लेकिन भाजपा और कांग्रेस के बीच सालों से चली आ रही लड़ाई जैसी कल थी, आज भी वैसी ही है और लगता है आगे भी ऐसी ही रहेगी। बुधवार को जब राहुल गांधी मध्य प्रदेश के मंदसौर में आम सभा को सम्बोधित करने पहुंचे तो इस दौरान उन्होने किसानों, रोजगार और बैंकिंग घोटालों जैसे कई मुद्दों को लेकर मोदी सरकार पर कई गम्भीर आरोप लगाए। उनके इन आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की। जिसमें उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष के 6 आरोपों को झूठा ठहराते हुए पूछा कि आखिर वह कितना जानते है।
जेटली ने पोस्ट में लिखा, कि जब भी मैं राहुल के नजरिए को संसद या उसके बाहर सुनता हूं तो अपने आप से सवाल करता हूं कि ये शख्स जानता कितना है और ये कब जानेगा? उन्होने लिखा, कि मध्य प्रदेश में दिए गए राहुल गांधी के भाषण को सुनने के बाद इस सवाल के जवाब को लेकर मेरी जिज्ञासा और बढ़ गई। क्या उन्हें अपर्याप्त जानकारी दी जाती है या वह अपने तथ्यों को लेकर कुछ ज्यादा ही उदार हैं।
Shri @RahulGandhi ‘s speech in Madhya Pradesh today reaffirmed my curiosity with respect to the question – How much does he know? is he being inadequately briefed or is he being a little too liberal with his facts?
— Arun Jaitley (@arunjaitley) June 6, 2018
पीएम मोदी पर 15 शीर्ष उद्योगपतियों के 2.5 लाख करोड़ रुपये के कर्ज को माफ करने वाले राहुल गांधी के आरोप पर जेटली ने कहा, कांग्रेस अध्यक्ष की यह बात तथ्यों की द्रष्टि से पूरी तरह गलत है। मोदी सरकार ने उद्योगपतियों का एक रुपये का भी कर्ज माफ नहीं किया है। बल्कि जिन्होंने कर्ज नहीं लौटाया है, उन्हें दिवालिया घोषित किया जा रहा है और आईबीसी (दिवाला और दिवालियापन संहिता) के जरिए उन्हें उनकी कंपनियों से हटा दिया गया है, जिसे प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने लागू किया है।
राहुल गांधी ने दूसरा आरोप लगाया था कि बैंक लोन सिर्फ उद्योगपतियों के लिए उपलब्ध है किसानों के लिए नहीं, इस पर जेटली ने कहा, कि यूपीए शासनकाल में ज्यादा मात्रा में उद्योगपतियों को लोन दिए गए, जो आज एनपीए बन चुके हैं। इसका बड़ा हिस्सा बैंकों द्वारा 2008-14 में दिया गया। वहीं, मोदी सरकार ने इन पैसों की रिकवरी के लिए कदम उठाया है।
Measures taken by PM @narendramodi ji for welfare of Farmers, betterment of economy and for benefit of every citizen of India are globally acknowledged. Mr. Rahul Gandhi must check facts before stating the reverse which will only aggravate his party’s fallibility.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) June 6, 2018
राहुल गांधी ने आरोप लगाया, कि पीएम मोदी ने दो हीरा कारोबारियों को 35-35 हजार करोड़ रुपये दिए, जो अब देश छोड़कर चले गए। इस पर जेटली ने पलटवार करते हुए कहा कि यह तथ्यात्मक रूप से गलत है। बैंक धोखाधड़ी साल 2011 में शुरू हुई, उस समय यूपीए का शासन था। इस धोखाधड़ी का पता एनडीए सरकार के आने के बाद लगा।
In a historic first Modi government enacted Insolvency & Bankruptcy Code to tackle massive NPA problem left up by the UPA government. The efforts of NDA government are bringing this lost money back to the system.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) June 6, 2018
वहीं इस मामले में अब कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने भी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। जेटली पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा, कि वह खुद कितना जानते हैं। बीजेपी का अहंकार अपने चरम पर पहुंच गया है क्योंकि उसने कृषि संकट के प्रति आंखें मूंद ली हैं।
How much does Shri Arun Jaitley know?
Has ‘Arrogance of Power’ reached such a zenith where BJP is blind to ‘Farmer Distress’?
How are empty worded ‘Blogs’ an answer to ‘Betrayal of Farmers’ by Modi Govt?
Our Statement:- pic.twitter.com/KTldl3DwzR
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) June 6, 2018
वहीं इस मामले में मध्यप्रदेश सरकार में सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने राहुल गांधी के भाषण को स्क्रिप्टेड बताते हुए उसकी तुलना थ्री ईडियट्स के चतुर से की, जो किसी दूसरे का भाषण पढ़ता था। सारंग ने कहा कि भाषण के दौरान एक मोबाइल फोन दिखाकर राहुल ने कहा कि मोदी के मोबाइल में मेड इन चीन होता है। अगली बार जब वे यहां आएंगे तो मोबाइल पर लिखा होगा मेड इन मंदसौर। लेकिन वे यह बताएं कि आज तक वे ऐसी कोई चीज क्यों नहीं बनवा पाए जिस पर मेड इन अमेठी लिखा हो?”