सिवन की देखरेख में कुछ अहम अंतरिक्ष मिशन चल रहे थे जो वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से लटक गए हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए के। सिवन का कार्यकाल 14 जनवरी 2022 तक बढ़ा दिया गया है। उनका कार्यकाल 14 जनवरी 2021 को पूरा होने जा रहा था। कार्मिक मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी एक आदेश में यह जानकारी दी गई।

अब फरवरी-मार्च 2021 में इसरो पीएसएलवी-सी51 के जरिए ब्राजील के सैटलाइट अमेजनिया-1 का लॉन्‍च करने वाला है। इसके अलावा इसके साथ देश के स्‍टार्टअप पिक्‍सल का बना सैटलाइट ‘आनंद’ और तीन विश्‍वविद्यालयों के सहयोग से बने सैटलाइट यूनिट-सैट को भी अंतरिक्ष में ले जाएगा।

इसरो ने 17 दिसंबर को श्रीहरिकोटा के स्पेस सेंटर से PSLV-C50 के साथ कम्युनिकेशन सैटलाइट सीएमएस-01 को लॉन्च किया गया है, जो कि साल 2011 में लॉन्च हुए जीसैट-11 सैटलाइट की जगह लेगा। इसरो की ओर से तैयार किया गया ये मिशन अंतरिक्ष में सात साल तक काम करेगा। सीएमएस-सी50 का लॉन्च साल 2020 के लिए इसरो का आखिरी स्पेस प्रोग्राम है।

इसरो की ओर से आशंका जताई गई है कि अंतरिक्ष में मानव को भेजने के भारत के प्रथम अभियान ‘गगनयान’ में कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रतिकूल प्रभाव के कारण एक साल की देरी हो सकती है।
पहले मानवरहित मिशन को दिसंबर 2020 और दूसरे मानवरहित मिशन को जून 2021 में भेजने की योजना बनाई गई थी।

इसके बाद ‘गगनयान’ के तहत दिसंबर 2021 में मानव को पहली बार अंतरिक्ष में भेजने की योजना बनाई गई थी। इसरो के अध्यक्ष के सिवन ने कहा कि, ‘कोविड-19 के कारण इसमें देरी होगी।’ उन्होंने दो प्रस्तावित मानवरिहत मिशनों में से पहले मिशन की संभावित समय-सीमा पर कहा, ‘हम अगले साल के अंत में या उसके अगले साल का लक्ष्य रख रहे।

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