योगी कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है। गोरखपुर के चौरीचौरा तहसील के मलमलिया गांव में गोरक्षनाथ नाम से विश्वविद्यालय खुलने वाले हैं। बुधवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई। मुख्यमंत्री नए साल में इस विश्वविद्यालय का शिलान्यास कर प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय का तोहफा देने की तैयारी में हैं। आयुष विश्वविद्यालय का नाम महायोगी गुरु गोरक्षनाथ उत्तर प्रदेश राज्य आयुष विश्वविद्यालय गोरखपुर होगा।

इतना ही नहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर जिला प्रशासन ने विवि के कुलपति समेत उनके 25 के करीब स्टाफ के बैठने का इंतजाम आयुष विश्वविद्यालय का अस्थाई कार्यालय पार्क रोड स्थित सीतापुर आंख अस्पताल के भवन में बना दिया है।

इस विश्विद्यालय में जल्द ही कुलपति के साथ 20 से 25 लोगों का स्टाफ काम करना शुरू कर देगा। आयुष विवि के लिए तीन बड़े हॉल बनाए गए हैं। वहीं कुलपति के रहने का इंतजाम बंगले में किया गया है। कुलपति के नाम की घोषणा नहीं हुई है। जल्द ही उनके नाम की घोषणा भी हो सकती है।

शिलान्यास के बाद तत्काल निर्माण भी शुरू हो जाएगा। इसके लिए शासन ने जनवरी में लेटर ऑफ इंटेंट जारी करने की तैयारी कर ली है। सीएम योगी ने आयुष विश्वविद्यालय में महाविद्यालयों की संबद्धता एवं अन्य प्रशासनिक कार्य सत्र 2021-22 से एवं विश्वविद्यालय में शिक्षण कार्य सत्र 2022-23 से प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं।

किसानों को होगा फायदा
जिले में आयुष विद्यालय के निर्माण से किसानों को भी काफी फायदा होगा। विश्वविद्यालय की निगरानी में औषधीय खेती को बढ़ावा मिलेगा। किसानों के खेत में पैदा होने वाली औषधीय पौधों की बिक्री का नया द्वार भी खुल जाएगा। आयुष विश्वविद्यालय इसके न केवल किसानों को प्रोत्साहित एवं प्रशिक्षित करेगा बल्कि बाजार के साथ नए लिंकेज भी उपलब्ध कराएगा।

गोरखपुर को हो रहा है विकास

एम्स के बाद स्वास्थ्य क्षेत्र में गोरखपुर के नाम एक और उपलब्धि जुड़ने जा रही है। उत्तर प्रदेश में वाराणसी, लखनऊ, प्रयागराज, बरेली, बांदा, पीलीभीत, मुजफ्फरपुर, झांसी के आयुष मेडिकल कॉलेज सहित प्रदेश में संचालित 19 राजकीय व 72 निजी आयुष मेडिकल कॉलेज इस विश्वविद्यालय से संबद्ध होंगे।

विवि में आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथ, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा की पढ़ाई के साथ इन पद्धतियों से उपचार भी हो सकेगा। महाविद्यालयों की संबद्धता संबंधी कार्य सत्र 2021-22 में ही पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यह भी कहा है कि अन्य प्रशासनिक कार्य भी इसी सत्र में पूर्ण किया जाए। ताकि भवन निर्माण पूर्ण होते ही विश्वविद्यालय की गतिविधियां सक्रिय हो जाए। 

अस्थाई कार्यालय में ये करेंगे काम
कुलपति, कुलसचिव, वित्त अधिकारी, सहायक उपकुलसचिव, व्यवस्था अधिकारी, जनसंपर्क अधिकारी, कुलपति के निजी सचिव, लेखाकार के एक-एक पद, स्टेनो एवं कनिष्ठ सहायक के दो-दो, स्टोर कीपर का एक, कंप्यूटर ऑपरेटर के दो पद एवं चतुर्थ श्रेणी के 10 पदों पर तैनाती होगी।

चौरीचौरा के मलमलिया बनेगा विश्वविद्यालय
जिले की चौरीचौरा तहसील के मलमलिया गांव में 24.29 हेक्टेयर जमीन चिह्नित कर आयुष विभाग के नाम कर दी गई है। प्रदेश में आयुष विश्वविद्यालय खोलने का निर्णय लेते सीएम ने पिछले बजट में इसके लिए 10 करोड़ रुपये प्रावधान किया था। इस विश्वविद्यालय के निर्माण पर तकरीबन 817 करोड़ की धनराशि खर्च होगी।

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