कहते हैं कि लोगों की चाहत कभी खत्म नहीं होती, और लोगों को जितना मिल जाता है उतने में वो खुश नहीं होते। लेकिन जो मुकाम वो पाना चाहते हैं उसके लिए मेहनत करना पड़ता है। शायद कुछ लोग इस बात को भूल जाते हैं और बिना सोचे समझे ऐसा कार्य कर बैठते हैं कि जो उनको मिला है वो भी हाथ से निकल जाता है। ऐसी ही एक घटना घटित हुई एक आईपीएस अधिकारी के साथ। दरअसल, आईपीएस अधिकारी रहते हुए उसे आईएएस बनने की तमन्ना थी। लेकिन इस लक्ष्य को पाने के लिए उसने रास्ता गलत चुन लिया और आखिर में अपने भविष्य को बर्बाद कर लिया। यूपीएससी की परीक्षा में वो ब्लूटूथ, कैमरे और गूगल ड्राइव के मदद से नकल करते पकड़ा गया और इस नकल में उसका साथ दे रही थी उसकी पत्नी।

आईपाएस अधिकारी का नाम सफीर करीम  है। पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि परीक्षा के दौरान उसने हाइटेक तरीकों का इस्तेमाल करते हुए नकल की थी। इसमें उसकी पत्नी ने मदद की थी। नकल के लिए उसने गूगल ड्राइव, ब्लूटूथ और माइक्रो कैमरे का इस्तेमाल किया था। साथ ही इस पूरी प्रक्रिया में आईपीएस की बीवी की मदद एक प्रोफेसर कर रहा था।  हैदराबाद के अशोकनगर स्थित लॉ एक्सेलेंस आईएएस स्टडी सर्किल के निदेशक डॉ पी रामबाबा ने जॉयसी को सहयोग दिया था।

सफीर करीम ने बताया कि वह एग्मोर के सरकारी स्कूल में बने केंद्र पर परीक्षा दे रहा था। नकल करने के लिए उसने कान में एक छोटा ब्लूटूथ डिवाइस लगाया हुआ था। उसकी पत्नी हैदराबाद से मोबाइल फोन के जरिए उसे सवालों के जवाब भेज रही थी। उसने अपनी शर्ट में लगे बटन पर माइक्रो कैमरा लगाया हुआ था, जो गूगल ड्राइव से जुड़ा था। लेकिन एग्जाम हॉल में तैनात अधिकारियों ने उन्हें देख लिया। जिसके बाद प्रशासन ने एग्जाम हॉल के अंदर ब्लूटूथ डिवाइस यूज करने पर उन्हें हिरासत में ले लिया। साथ ही पुलिस ने उसकी पत्नी को भी हिरासत में ले लिया।

2014 बैच के आईपीएस अफसर सफीर करीम केरल के कोच्चि के रहने वाले हैं। वे इन दिनों तमिलनाडु के तिरुनेवेली जिले के नागजुनेरी में एएसपी के पद पर तैनात है। आईपीएस बनने से पहले सफीर करीम ने अपना बैचलर्स इंजीनियरिंग में किया है। तीसरी बार यूपीएससी एग्जाम देने पर उन्हें यह सफलता मिली थी। लेकिन करीम आईपीएस से संतुष्ट नहीं थे। वह आईएएस बनना चाहते थे। इस कारण वह यूपीएससी परीक्षा फिर से दे रहे थे।

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