भारत के पास सीमा पर अब कमजोर सुरक्षा व्यवस्था नहीं है। भारतीय सेना की ताकत अब हर मोर्चे पर मजबूत हो गई है। भारत पहले की तरह अब कमजोर नहीं है। 4,057 किलोमीटर लंबी एलएसी पर लंबी वास्तविक सीमा रेखा पर भारत तेजी से अपनी सैन्य मजबूती बढ़ाने में जुटा है ताकि किसी भी तरह की परिस्थिति से निपटा जा सके। भारत ने चीन सीमा पर अपना शक्ति प्रदर्शन किया।

भारत ने पूर्वी लद्दाख और सिक्किम में टी-72 टैंकों की तैनाती की है, जबकि अरुणाचल में ब्रह्मोस मिसाइलों और होवित्जर तोपों की तैनाती कर चीन के सामने शक्ति प्रदर्शन किया है। इसके अलावा पूर्वोत्तर में सुखोई-30 एमकेआई स्क्वेड्रन्स को भी उतारा गया है। बीते साल सर्दियों में चीनी सैनिकों के उत्तरी डोकलाम डेरा जमाने की घटना के बाद से भारतीय सेना ने यह बड़ा बदलाव और तैनाती की है।

अकेले अरुणाचल की रक्षा के लिए 4 इन्फ्रेंट्री माउंटेड डिविजन्स को तैनात किया गया है। हर इन्फेंट्री में 12,000 सैनिकों को रखा गया है। इसके अलावा 2 डिविजंस को रिजर्व रखा गया है। खासतौर पर तवांग में, जिसे चीन दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है, सैनिकों की तैनाती पहले से कहीं अधिक है। किबिथू-वालॉन्ग फ्रंटियर में तैनात एक सीनियर अफसर ने कहा, ‘हमारा प्राथमिक काम एलएसी पर शांति और स्थिरता बनाए रखना है और शांति के दौर में पर्वतीय चोटियों पर मजबूत उपस्थिति दर्ज कराना है।’

किबीथू-वालोंग सेक्टर में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा- हमारा प्राथमिक कार्य एलएसी की पवित्रता और प्रभावी तरीके से शांति बनाए रखना है। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर युद्ध के लिए तैयार रहना भी है। इस बार हम उन्हें निकलने नहीं देंगे।

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