पाकिस्तान से भारत लौटे चंदू चव्हाण को आर्मी कोर्ट ने सीमा पार जाने के लिए कोर्ट मार्शल कर दिया है। उन्हें दो महीने जेल की सजा सुनाई गई है और इसके साथ ही दो साल के लिए उनकी पेंशन पर रोक लगा दी है।  बता दें कि चंदू पाकिस्तान भाग गया था जिसे जनवरी में पाक ने भारत को सौंप दिया था।

दरअसल साल 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक के वक्त चंदू गलती से सीमा पार चले गए थे। फिर पाकिस्तान ने इस साल जनवरी में जवान को अटारी-वाघा बॉर्डर पर भारत को सौंप दिया था। वे 37 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे। चंदू के बारे में यह भी कहा जा रहा है कि वह  अपने अधिकारियों से नाराज होकर पाकिस्तान चले गए थे।  वहीं पाकिस्तान का भी यही कहना है कि सैनिक ने जानबूझकर बॉर्डर पार किया था।

गौरतलब है कि 7 अक्टूबर, 2016 को पाकिस्तान ने माना कि चंदू पाकिस्तान में मौजूद हैं। जिसके बाद जनवरी में पाकिस्तान ने उन्हें भारत के हवाले कर दिया था। उन्हें नियाकल के पाकिस्तानी आर्मी हेडक्वार्टर में रखा गया। तब इंडियन आर्मी ने कहा था कि चंदू सर्जिकल स्ट्राइक का हिस्सा नहीं थे। उन्होंने गलती से बॉर्डर क्रॉस किया था।

वहीं सेना के आधिकारिक सूत्रों ने एक टीवी चैनल को बताया कि आर्मी कोर्ट ने चंदू बाबूलाल चव्हाण को सजा सुना दी है, लेकिन इसके लिए अफसरों की मंजूरी मिलना बाकी है।

सूत्रों की माने तो चव्हाण सजा के खिलाफ अपील कर सकते हैं। चंदू बाबूलाल महाराष्ट्र के धुले जिले के वोरबीर गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता का नाम बाशन चौहान है। चंदू के भाई भी सेना में हैं जिनकी तैनाती फिलहाल गुजरात में है।

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