भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में फांसी की सजा दिए जाने के मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस में सुनवाई जारी है। इस मामले की पहली सुनवाई में कोर्ट ने जाधव की सजा पर रोक लगा दी थी। इस मामले की सुनवाई 11 जजों की खंडपीठ कर रही है। आज हो रही सुनवाई के दौरान कोर्ट ने भारत और पाकिस्तान दोनों को इस मामले में अपना पक्ष रखने के लिए डेढ़ घंटे का वक़्त दिया है। इस मामले में पहले भारतीय समयानुसार 1:30 से 3:00 बजे तक भारत ने अपना पक्ष रखा। जबकि पाकिस्तान को 6:30 से 8:00 बजे का वक़्त दिया गया है।
इससे पहले कोर्ट ने आज की सुनवाई शुरू करते हुए पाकिस्तान को आदेश दिया कि जाधव के अधिकारों का उल्लंघन न हो। कोर्ट ने पाकिस्तान द्वारा दी गई फांसी को मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया। इस मामले में भारत का पक्ष रखने के लिय पांच सदस्यों की टीम मौजूद है। कोर्ट में भारत का पक्ष वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे रख रहे हैं। उन्होंने भारत की तरफ से कोर्ट में इस मामले पर बोलते हुए कहा कि कुलभूषण जाधव की गिरफ़्तारी के बाद भारत ने 16 बार राजनयिक मदद की गुहार लगाई लेकिन पाकिस्तान ने तथाकथित सुनवाई या किसी भी तरह की जानकारी और काउंसलर एक्सेस देने से मना कर दिया। हमें यह खबर पाकिस्तानी मीडिया के माध्यम से मिली थी। साल्वे ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत की गुहार पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। जाधव के माता-पिता को पाकिस्तान जाने का वीजा नहीं दिया गया। जाधव से मिलने का वक्त नहीं दिया गया।
साल्वे ने वियना संधि से सम्बंधित तीन मामलों का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसे तीन मामले हैं जिसमें इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस ने वियना संधि के अनुच्छेद 36 के आधार पर फैसला सुनाया है। पराग्वे के नागरिक की गिरफ्तारी पर अमेरिका ने भी आंतरिक मामले की दलील दी थी कोर्ट ने उस मामले को वियना संधि का उल्लंघन माना था। जाधव की फांसी मानवाधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने वियना संधि की चर्चा करते हुए कहा कि कुलभूषण के मामले में पाकिस्तान ने इस संधि का उल्लंघन किया है। वियना संधि में राजनयिकों से मिलने की इज़ाज़त देने की बात है। संधि के मुताबिक आरोपी को राजनयिक मदद मिलने का अधिकार है। यह नागरिक और देश के अधिकार का उल्लंघन है। पाकिस्तान ने वियना संधि का उल्लंघन किया। पाकिस्तान ने आनन-फानन में जो फैसला सुनाया है, उसे रद्द करे। भारत ने कोर्ट में अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि हमें डर है कि कहीं सुनवाई पूरी होने से पहले पाकिस्तान जाधव को फांसी न दे दे। उन्होंने यह भी कहा कि जाधव का ईरान से अपहरण किया गया और दबाव में बयान लेते हुए वीडियो बनाया गया था।
गौरतलब है कि भारत ने 8 मई को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस में याचिका दायर कर 46 वर्षीय कुलभूषण जाधव के लिए न्याय की मांग की थी। जिसके बाद भारत की याचिका पर हेग अदालत ने मामले की सुनवाई तक पाकिस्तान से कुलभूषण की फांसी की सजा पर रोक लगाने को कहा था। भारत ने अदालत को धन्यवाद देते हुए कहा कि एक हफ्ते के अन्दर इस मामले में हो रही सुनवाई इसकी गंभीरता को दर्शाती है। हमें कोर्ट से न्याय मिलने का पूरा भरोसा है। भारत की सवा सौ करोड़ की आबादी कुलभूषण की वापसी की उम्मीद कर रही है। अपना पक्ष रखने के बाद हरीश साल्वे ने कहा कि हमने अपना सर्वश्रेष्ठ किया, बाकी कोर्ट के हाथों में। भारत के बाद अब पाकिस्तान अपना पक्ष रखेगा। पाकिस्तान को भी डेढ़ घंटे का समय दिया गया है।