भारत ने चीन को उसी की भाषा में माकूल जवाब देने की तैयारी कर ली है। चालबाज चीनी सेना ने लद्दाख में जो हकरत की है, उसके बाद ड्रैगन के बायकॉट की मांग जोर पकड़ने लगी है। भारत ने टेलिकॉम सेक्‍टर में चीनी कंपनियों के इक्विपमेंट्स को बैन करने का फैसला किया है।

चीन को भारत ने ऐसा जवाब देने का प्लान तैयार किया है कि वह कराह उठेगा। बॉर्डर पर चीन की गुस्‍ताखी का सेना ने मुंहतोड़ जवाब तो दिया ही, अब आर्थिक मोर्चे पर भी चीन को उसकी हरकतों की सजा देने की शुरुआत हो गई है। भारत सरकार ने सरकारी टेलिकॉम कंपनियों से किसी भी चीनी कंपनी के इक्विपमेंट्स का इस्‍तेमाल न करने को कहा है। भारत संचार निगम लिमिटेड और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड के टेंडर को कैंसिल कर दिया गया है। साथ ही, प्राइवेट मोबाइल फोन ऑपरेटर्स के लिए भी Huawei और ZTE जैसे चीनी ब्रैंड्स से दूर रहने का नियम बनाया जा सकता है। भारतीय टेलिकॉम इक्विपमेंट का एनुअल मार्किट 12,000 करोड़ रुपये है। इसमें से एक-चौथाई पर चीन का कब्‍जा है। बाकी में स्‍वीडन की एरिक्‍सन, फिनलैंड की नोकिया और साउथ कोरिया की सैमसंग शामिल है।

इस बीच भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने सरकार से कहा है कि या तो चीन से जुड़े 52 मोबाइल एप्लिकेशन को ब्लॉक कर दिया जाए या लोगों को इनका इस्तेमाल ना करने की सलाह दी जाए, क्योंकि इनका इस्तेमाल करना सुरक्षित नहीं है। ये ऐप बड़े पैमाने पर डेटा को भारत से बाहर भेज रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने सरकार को जो लिस्ट भेजी है उसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एप जूम, टिकटॉक, यूसी ब्राउजर, एक्सएंडर, शेयर इट और क्लीन मास्टर जैसे एप शामिल हैं।

केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इंटेलिजेंस एजेंसियों की ओर से दिया गए प्रस्ताव का समर्थन नेशनल सिक्यॉरिटी काउंसिल सेक्रेटिएट ने भी किया है, जिसका मानना है कि ये एप भारत की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं। एक अधिकारी ने कहा, ”प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है।” उन्होंने यह भी विस्तार से बताया कि सभी मोबाइल एप के मानक और उससे जुड़े जोखिम की जांच की जाएगी।

बॉयकॉट चाइना प्रोडक्ट अभियान का ताजा प्रभाव देखने को मिला है कि चाइनीज स्मार्टफोन कंपनी ओप्पो को अपने फ्लैगशिप स्मार्टफोन का भारत में लाइव लॉन्च कैंसल करना पड़ा। कंपनी ने यह फैसला भारत और चीन सीमा पर हुए तनाव और भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद लिया है। देशभर में लोग चाइनीज प्रॉडक्ट्स बायकॉट करने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में ओप्पो ने नया डिवाइस लाइव लॉन्च ना करना ही बेहतर समझा।

उम्मीद है कि चीनी ड्रैगन को जल्दी ही यह समझ में आ जाएगा कि भारत से पंगा लेकर उसने गलत कर दिया है। जल्दी है चीन की जनता और उद्यमी और उनका व्यापार जो हर साल हजारों करोड़ों में होता था, चीन की एक गलती से सब समाप्त हो जाएगा। ऐस में चीन की जनता का असंतोष अपने खुद के नेताओं पर ही भड़केगा। चीन की जनता वैसे ही कोरोना वायरस से त्रस्त है, उस पर से उसे यदि बड़ा आर्थिक झटका लगता है तो वह अपना सब्र खो देगी।

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