जहां भारत और पाकिस्तान के रिश्ते हर मामले में उलझे हुए और तनावपूर्ण है इसी बीच अब भारत-पाकिस्तान को अपनी दरियादिली दिखाने जा रहा है। कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में हुए  शंघाई को-ऑपरेशन संघटन (SCO) के बाद भारत पाकिस्तान के लिए दोस्ताना रवैया अख्तियार करते हुए उनके 11 कैदियों को छोड़ने जा रहा है। दरअसल शंघाई को-ऑपरेशन संघटन (SCO) में पीएम नरेंद्र मोदी की नवाज शरीफ के साथ अनौपचारिक बातचीत के बाद यह खबर आई है।  अधिकारियों की माने तो भारत ऐसा ‘सद्भावना’ के तहत करने जा रहा है।

आपको बता दें कि पाकिस्‍तान ने इस आधार पर इनकी रिहाई की मांग की थी कि ये सभी कैदी अपनी सजा पूरी कर चुके हैं इसलिए भारत को अब इन्हें छोड़ देना चाहिए।  गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच कुलभूषण जाधव मामले में तनातनी के बाद भारत की तरफ से यह पहला बड़ा कदम होगा। ज्ञात हो कि भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव पर जासूसी का आरोप लगाते हुए पाकिस्‍तानी मिलिट्री कोर्ट ने उनको फांसी की सजा सुनाई थी।  भारत ने इस मुद्दे पर अंतरराष्‍ट्रीय न्‍यायालय (ICJ) का दरवाजा खटखटाया है, मामला वहां लंबित है और भारत आज पाकिस्तानी कैदियों को रिहा करने जा रहा है।

रिहाई के मामले में भारतीय अधिकारियों का कहना है कि भारत इन कैदियों को मानवता के आधार पर रिहा करने जा रहा है। इसके साथ भारत की यह भी उम्मीदें हैं कि हमारी तरह पाकिस्तान भी उन कैदियों को रिहा कर देगा जो उनके यहां जेल में बंद हैं और जिनकी सजा पूरी हो चुकी है। बात अगर सरकारी आंकड़ों की करें तो पाकिस्‍तानी जेलों में 132 भारतीय कैदी हैं।  जिनमें से 57 अपनी सजा पूरी कर चुके हैं फिर भी पाक उन्हें रिहा करने को तैयार नहीं है। पाकिस्‍तान का कहना है कि उनकी रिहाई से पहले भारत को उनकी राष्‍ट्रीयता के संबंध में पुष्टि करनी होगी पर भारत ने बिना पुष्टि किए हुए  ‘गुडविल जैस्चर’ दिखाया है और एक बार फिर अपने आप को ‘बड़े दिल वाला’ साबित किया है।

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