पाकिस्तान के अनुरोध पर आज भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस) की सोमवार को हॉटलाइन पर बैठक हुई। यह बैठक पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सोमवार दोपहर 2 बजे हुई। यह पिछले 6 महीने में दोनों देशों के डीजीएमओ की बीच हुई तीसरी बैठक थी। इससे पहले जुलाई और सितंबर में भी आपात बैठक हुई थी।

बैठक की शुरूआत में पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय सुरक्षा बल लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर बिना किसी उकसावे के ही फायरिंग की। इस पर जवाब देते हुए भारत के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल ए के भट्ट ने कहा कि भारत सीमापार से हलचल के बिना कोई कार्यवाही नहीं करती है। जब पाकिस्तानी सेना के समर्थन से हथियारबंद आतंकवादी सीमा के अंदर घुसपैठ करते हैं, तभी भारतीय सेना गोलीबारी या और कोई कार्यवाही करती है।

जनरल भट्ट ने कहा कि पिछले दिनों कुछ हथियारबंद आतंकवादी सीमा पार कर घुसपैठ करना चाहते थे और भारतीय सेना की चौकियों को निशाना बनाना चाहते थे। उनके पास भारी हथियार और गोला-बारुद थे। जनरल भट्ट ने साफ किया कि पाकिस्तानी सेना द्वारा आतंकवादियों को सहयोग पहुंचाना  और समर्थन देना भारत को कतई बर्दाश्त नहीं होगा और वो इसके जवाब में जरूर कार्यवाही करेगी।

भारतीय डीजीएमओ ने दो टूक कहा कि अगर आतंकवादियों को एलओसी पार करते समय पाकिस्तानी सेना समर्थन देती रहेगी तो उसका नुकसान उन्हें उठाना पड़ेगा। भारतीय सेना आगे भविष्य में भी ऐसे जवाबी कदम उठाती रहेगी।

जनरल भट्ट ने यह भी कहा कि गोलीबारी करते समय भारतीय सेना हमेशा पेशेवर मानकों का पालन करती है। हम कभी भी आम स्थानीय नागरिकों को निशाना नहीं बनाते। हम गोलीबारी की शुरुआत नहीं करते, लेकिन जरूरत पड़ने पर मुंहतोड़ जवाब देते हैं।

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