हमेशा ही कहा जाता है कि इनकम टैक्स जमा कर देश के विकास में हिस्सेदार बनें और समय समय पर इनकम टैक्स भरने के लिए सरकार की ओर से याद भी दिलाया जाता है। इसके बावजूद लोग इनकम टैक्स जमा करने का पालन नहीं करते हैं। सोमवार को आयकर विभाग की ओर से जारी किया गया डेटा बहुत ही चौंकाने वाला है, इस डेटा में वेतनभोगियों और गैर वेतनभोगियों के बीच का एक बड़ा अंतर दिखाया गया है।
आप जानकर हैरान होंगे कि पिछली बार देश में लगभग 8.6 लाख डॉक्टरों में आधे में से भी कम ने इनकम टैक्स का भुगतान किया। इतना ही नहीं, अगर बात की जाए चार्टर्ड अकाउंटेंट की तो इनमें भी तीन में से सिर्फ एक ही इनकम टैक्स जमा करता है। जबकि ये लोग निजी रूप से हो या फिर कंपनियों के टैक्स मामलों में सलाह देते हैं।
देखा जाए तो हर गली में नर्सिंग होम खुले तो हर किसी को दिख ही जाते है, इनमें से सिर्फ 13 हजार ने टैक्स जमा किया। असल में इनकी संख्या फैशन डिजाइनरों से तो कम ही है। दरअसल, चौदह हजार पांच सौ फैशन डिजाइनर इनकम टैक्स जमा कर रहे हैं।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का दावा है कि व्यक्तिगत करोड़पतियों में 68 फीसदी का इजाफा हुआ है। इनमें ऐसे करदाता जिनकी कमाई एक करोड़ रुपए से ज्यादा है, उनकी संख्या 1.40 लाख हो गई है। इनमें कॉरपोरेट्स, फर्म, हिंदू अविभाजित परिवार और अन्य लोग शामिल हैं।
एक करोड़ रुपए से ज्यादा कमाई वाले इंडिविजुअल टैक्सपेयर की संख्या चार साल में 68% बढ़ी है। इस दौरान रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या में 80% इजाफा हुआ है। वित्त वर्ष 2013-14 में 3.79 करोड़ लोगों ने रिटर्न दाखिल किया था। वर्ष 2017-18 में यह आंकड़ा 6.85 करोड़ रहा।
सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने कहा, ‘हम तमाम माध्यमों से प्राप्त डेटा देख रहे हैं। हम लगातार प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण कर रहे हैं।’ सुशील चंद्रा ने आगे कहा कि विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि ईमानदार करदाताओं का सम्मान और उनकी हमेशा मदद की जाए। वहीं कर चोरी करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी और अभियोजन कार्रवाई की जाएगी।