नीतीश कुमार लगातार एक पर एक झटका दिए जा रहे हैं। राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी एकता को झटका दे चुके बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर उपराष्टपति चुनाव में भी अलग राह अपना सकते हैं। नीतीश कुमार ने मंगलवार को उपराष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवारी को लेकर होने वाली गैरएनडीए दलों की बैठक से दूर रहने का फैसला लिया है। बता दें कि इससे पहले भी नीतीश कुमार ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर आयोजित की गई गैर भाजपा दलों की बैठक से भी दूरी बना ली थी।
दरअसल कल जेडीयू ने अपने विधायकों और सांसदों की पटना में एक बैठक बुलाई है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने अपने गठबंधन सहयोगी लालू प्रसाद यादव के घर पर पड़े सीबीआई छापों पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। जेडीयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि 11 जुलाई की बैठक पहले से निर्धारित थी। इस बैठक में सभी जिला अध्यक्ष, पदाधिकारी और प्रकोष्ठ, मोर्चा के सदस्य शामिल होंगे। इस बैठक की अध्यक्षता स्वयं नीतीश कुमार करेंगे, लेकिन नीतीश इससे भी कन्नी कटते हुए दिख रहे हैं। हालांकि बैठक में बिहार और देश के ताजा हालत पर चर्चा होने की संभावना है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक जदयू पार्टी प्रकोष्ठों की बैठक पहले से 10 जुलाई को निर्धारित थी लेकिन इस बैठक का विस्तार कर सांसदों और विधायकों के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है। साथ ही इसे एक दिन आगे बढ़ाकर 11 जुलाई को करने का फैसला लिया गया है, जिस दिन दिल्ली में उपराष्ट्रपति को लेकर गैर एनडीए दलों की बैठक होने वाली है।
हालांकि खबर यह भी है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इन दिनों तबीयत खराब है और वह पिछले करीब एक हफ्ते से किसी कार्यक्रम में भाग नहीं ले रहे हैं।