मुंबई के आदर्श घोटाले मामले में दो पूर्व सेनाध्यक्ष समेत कई अधिकारियों के नाम सामने आए हैं। रक्षा मंत्रालय के तरफ से जांच के लिए नियुक्त की गई उच्च स्तरीय समिति ने अपने जांच में पूर्व सेना प्रमुख एन सी विज और जनरल दीपक कूपर समेत कई अन्य सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों की संलिप्तता पाई है। जांच समिति ने 199 पेज की रिपोर्ट में पूर्व सेना प्रमुखों के अलावा तीन लेफ्टिनेंट जनरल, चार मेजर जनरल और दर्जनभर सैन्य अधिकारियों के साथ-साथ डिफेंस एस्टेट ऑफिस के अधिकारियों के भी नाम का उल्लेख किया है और सरकार से उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की सिफारिश की है।रिपोर्ट में जिन अफसरों के नाम हैं उनमें से ज्यादातर को आदर्श कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी (ACHS) में फ्लैट का आवंटन हुआ था।

बता दें कि मुंबई में बनाए गए अपार्टमेंट कारगिल के नायकों के परिजनों के लिए थे। किंतु आदर्श हाउस सोसायटी में शीर्ष सैन्य अफसरों ने नेताओं और नौकरशाहों के साथ मिलकर मनमाने तरीके से फ्लैट का को अपने नाम करवा लिया। साल 2010 में इस घोटाले के सामने आने के बाद महाराष्ट्र के तत्कालीन कांग्रेसी मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को इस्तीफा देना पड़ा था। चव्हाण समेत इसमें पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख, सुशील कुमार शिंदे और अशोक चव्हाण पर भी आरोप लगे थे।  102 फ्लैटों के इस घोटाले में 23 बेनामी लेनदेन का खुलासा हुआ था।

सीबीआई ने जुलाई 2012 में 6 अफसरों मेजर जनरल ए.आर. कुमार,टी.के. कौल, ब्रिगेडियर टी.के. सिन्हा,एम.एम. वान्चु, कर्नल आर.के. बख्शी और पूर्वी DEO अफसर आर.सी.ठाकुर के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की थी।

जांच के मुताबिक समिति को लगता है कि जनरल विज ने जांच के दायरे में आए जमीन के लिए किसी भी चरण में कोई सवाल नहीं उठाए और सभी तरह के गलत काम करने वालों को ‘बचाया’। वहीं दूसरी तरफ रिपोर्ट में कहा गया है कि जनरल कपूर इस मामले से जुड़े फैसलों के लिए सीधे जिम्मेदार नहीं थे। साथ ही उनपर ये भी आरोप है कि   परिसर में फ्लैट लेने के परिणाम पर उन्होंने गहनता से विचार नहीं किए।

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