पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के कश्मीर पर दिए गए ट्वीट पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने इमरान के बयान पर अफसोस जताते हुए कहा कि भारत के आतंरिक मामलों में टिप्प्णी करने के बजाय पाकिस्तान के पीएम को अपने देश के मुद्दों पर ध्या न देना चाहिए। पाकिस्ता‍न को भारत के मामलों में कुछ भी बोलने से पहले अपने देश के हालात पर ध्या‍न देने की जरूरत है। इमरान खान ने सोमवार को कहा था कि भारत को कश्मीर मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझाने के लिए आगे बढ़ना चाहिए। खान की यह टिप्पणी दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में एक मुठभेड़ स्थल पर हुए एक विस्फोट में छह नागरिकों के मारे जाने के एक दिन बाद आई है।

इमरान खान ने ट्वीट कर लिखा, ‘भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा बेगुनाह कश्मीरियों की हत्या के नए चक्र की कड़ी निंदा करते हैं। समय आ गया है कि भारत यह समझे कि उसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव और कश्मीरी लोगों की इच्छा के अनुरूप कश्मीर मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझाने के लिए आगे बढ़ना चाहए।’

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि पाकिस्तातन, भारत और अन्यस पड़ोसी देशों के खिलाफ आतंकवादियों और आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करता रहा है। पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थन करने के बजाय आतंकवाद के बुनियादी ढांचे के खिलाफ विश्वासनीय कार्रवाई करनी चाहिए। पाकिस्तातन आतंकवाद का समर्थन कर पूरी दुनिया के सामने बेनकाब हो चुका है।

यह पहली बार नहीं है कि खान कश्मीर पर बोले हैं। खान ने जुलाई के चुनाव में अपनी जीत के बाद अपने भाषण में भारत के साथ पाकिस्तान के संबंध सुधारने की अपनी इच्छा व्यक्त की थी। कहा था कि उनकी सरकार चाहेगी कि दोनों ओर से नेता बातचीत के जरिए सभी विवादों का समाधान करें जिसमें कश्मीर का ‘मुख्य मुद्दा’ शामिल है। सितम्बर में भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की होने वाली एक बैठक पाकिस्तान की ओर से बुरहान वानी पर एक डाक टिकट जारी करने के बाद भारत ने रद्द कर दी थी।

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