उत्तराखंड में आसमान से आफत की बारिश हो रही है। पिछले कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने जन जीवन बुरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है।जगह-जगह पानी भरने से गाड़ियों के साथ ही पैदल चलने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रमुख नदियां उफान पर हैं। बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं और घरों में पानी घुस गया है।

देवभूमि उत्तराखंड पर लगता है इंद्रदेव कुछ ज्यादा ही मेहरबान हो गए हैं। इंद्र देव की मेहरबानी अब लोगों के लिए परेशानी का सबब बनते जा रही है। आसमान से पड़ती आफत की बौछारों ने जमीन पर लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। नदियों में पानी भर गया है। लोगों के घरों में पानी घुस गया है। कई स्थानों पर एसडीआरएफ को राहत और बचाव कार्य में लगाया है।

मौसम विभाग ने 72 घंटे तक लगातार बारिश होने की चेतावनी दी थी। पिछले दो दिनों से ज्यादा समय से बारिश हो रही है। जिससे जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। बेतरतीब हो रही बरसात से सड़कों का भी बुरा हाल हो गया है। जगह जगह से सड़कें टूट गई हैं।भूस्खलन से कई जगह रास्ते बंद हो गए हैं। लोगों को राहत शिविरों में दिन और रात गुजारनी पड़ रही है। बाढ़ से लोगों को सुरक्षित पनाह देने के लिए जगह-जगह राहत शिविर लगाए गए हैं।

अकेले पिथौरागढ़ में ही 16 शिविर लगाए गए हैं।जिनमें 83 परिवार के कुल 279 सदस्य रह रहे हैं।भारी बरसात से नदियां भी उफान पर हैं।नदियों का जल स्तर खतरे के निशान को छूने को बेताब है। पिथौरागढ़ में काली नदी का जल स्तर 889.10 मीटर पहुंच गया है। जो खतरे के निशान मात्र 90 सेंटीमटर कम है। सरयू नदी का जल स्तर भी 447.30 मीटर पर पहुंच गया है,जबकि खतरे का निशान 453 मीटर है। टिहरी बांध का जल स्तर 800 मीटर के निशान पर पहुंच गया है,जबकि अधिकतम सीमा 830 मीटर है। हरिद्वार में गंगा का जलस्तर 292.80 मीटर पर पहुंच गया है। जबकि खतरे का निशान 294 मीटर है। रुद्रप्रयाग में अलकनंदा का जल स्तर 623.65 मीटर को छू गया है। जो खतरे के निशान 627 मीटर से कुछ ही नीचे है। इसी तरह,रुद्रप्रयाग में मंदाकिनी का जलस्तर भी खतरे के निशान 626 मीटर की तुलना में 622.65 मीटर पर पहुंच गया है।..

प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से कई जिलों में कई सड़कें बंद हो गई हैं।.ओजरी और डाबरकोट में मलबा आने से ऋषिकेश यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर ट्रैफिक बाधित है। उत्तरकाशी जनपद में मलबा आने से 10 ग्रामीण मार्ग अवरुद्ध हैं.

देहरादून जनपद में 7 ग्रामीण मोटर मार्ग हैं बंद हैं। टिहरी जनपद में 1 राज्य मार्ग और 15 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरुद्ध हैं। चमोली जनपद में 35 ग्रामीण मोटर मार्ग मलवा आने से बंद हो गए हैं। ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग लामबगड़ में मलवा आने से अवरुद्ध है। पौड़ी जनपद में मलवा आने से 27 ग्रामीण मोटर मार्ग बंद हैं।

पूरे प्रदेश में ऐसा ही हाल है और लगातार हो रही बारिश से हालात और खराब ही होते जा रहे हैं। भारी बरसात के चलते जगह-जगह से पहाड़ भी टूट रहे हैं।चमोली में भी लगातार हो रही बारिश से पहाड़ टूट गया। इन परेशानियों के सामने सरकारी स्तर पर मुहैया कराए जा रहे राहत और बचाव कार्य नाकाफी साबित हो रहे हैं।

ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन

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