इंसाफ के नाम पर हिंसा करने वाले और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने को सरकार यू ही नहीं जाने देगी। मध्य प्रदेश सरकार सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ और सख्ती बरतने जा रही है। इसे लेकर शिवराज सरकार नया कानून बनाने जा रही है।

मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने गुरुवार सुबह पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, जिस घर से पत्थर आएगा उसी घर का पत्थर निकाला जाएगा। राज्य की सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का किसी को अधिकार नहीं है। अब पत्थर चलाने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा। साथ ही सूबे की सरकार ऐसे लोगों से निपटने के लिए कानून बनाने पर विचार कर रही है।” 

बातचीत के दौरान दिग्विजिय सिंह के बयानों का जिक्र करते हुए मिश्रा ने राहुल गांधी पर भी निशाना साथा। उन्होंने कहा, ”युवा इटली चले गए थे तो दिग्विजय सिंह का ध्यान उस तरफ था। उन्होंने माना कि वो युवा जनता के बीच जाएं, मतलब इटली ना जाएं। मतलब कांग्रेस जनता के बीच नहीं जा रही है। वो कथित युवा हैं, जिसे वे समझाने की उम्मीद कर रहे हैं उन्हें इटली वाले समझा दें। वो खुद तो समझ लें कि किसान कानून क्या है, तभी तो बताएंगे। मुझे नहीं लगता है कि उन्हें आज तक समझ में आया होगा। मैं बहुत छोटा हूं, लेकिन वे ही समझा दें कि इस काले कानून में काला क्या है।”

इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी ऐसे मामलों में आरोपियों की घर और संपत्ति नष्ट करने के आदेश दे चुकी है। साथ ही जब गृह मंत्री से पूछा गया कि नया कानून कैसा और क्या होगा, तो इस बारे में उन्होंने ज्यादा जानकारी नहीं दी। उन्होंने कहा जिस तरह हम पहले प्रदेश में लव जिहाद के कानून लेकर आए हैं वैसे ही सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। 

खबर को देखकर लग रहा है कि, शिवराज सरकार योगी मॉडल से काफी प्रसंन्न है। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह की अगुवाई वाली सरकार उत्तर प्रदेश में बन रहे नए कानून को अपने राज्य में लागू करने मेें पीछे नहीं हट रही है। योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले इंसाफ के नाम पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को घेरना शुरू किया था।

योगी के अनुसार जो भी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाएगा उसी की जेब से भरपाई भी करनी होगी। इसी कानून को मध्य प्रदेश सरकार अपने राज्य में लागू करने जा रही है। वहीं ये भी बता दें कि, योगी सरकार ने लव जिहाद कानून का ऐलान किया था जिसके बाद शिवराज सिंह ने भी कानून बनाने की बात कही थी।

गौरतलब है कि, देश में आंदोलन की आड़ में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है जिससे सरकार पर खर्च का दबाव बढ़ जाता है। इस हर्जाने को भरने का राज्य सरकारों ने अच्छा तरीका अपनाया है।

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