उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर में बनने वाला जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट जमीन विवाद के कारण हरियाणा के हिसार में शिफ्ट किया जा सकता है। जेवर में प्रस्तावित एयरपोर्ट के लिए भले ही कई तरह की एनओसी मिल चुकी हैं और कंपनी की भी गठन हो गया है, लेकिन फिर भी अगर जमीन को लेकर मामला कही भी अटका तो इस एयोरपोर्ट को हिसार में शिफ्ट किया जा सकता है। बता दें कि हरियाणा की खट्टर सरकार पहले ही 1200 बीघा जमीन देने के लिए प्रस्ताव दे चुकी है।

अधिकारिक सूत्रों के अनुसार कुछ बाहरी माफियाओं व सफेदपोशों ने एयरपोर्ट के लिए प्रस्तावित एरिया में जमीन खरीद ली हैं। अब अपनी जमीन का मुआवजा बढ़वाने के लिए ये लोग किसानों को आंदोलन के लिए उकसा रहे हैं।

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आपको बता दें कि जेवर में एयरपोर्ट के लिए 1441 हेक्टेयर जमीन रिजर्व की गई है। जमीन अधिग्रहण पर ही 4 हजार करोड़ से अधिक की रकम खर्च होनी है। कई नेता और माफिया जमीन का ग्रेटर नोएडा के रेट या सर्कल रेट का 4 गुना मुआवजा मांगने का शिगूफा छोड़ रहे हैं। इसके लिए कई लोग अथॉरिटी के अधिकारियों से भी मिल चुके हैं।

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हालांकि अभी तक की जनसुनवाई में किसान जमीन देने को तैयार नजर आ रहे हैं, लेकिन वह मुआवजा व अन्य सुविधाओं की मांगें रख रहे हैं। कुछ नेता ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के बराबर 3500 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा मांग रहे हैं। पेरिफेरल के लिए एक पट्टी के रूप में जमीन ली गई है, लेकिन एयरपोर्ट बड़ा प्रॉजेक्ट है। अधिकारियों का तर्क है कि सरकार मुआवजे पर 4 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च नहीं करेगी। अगर मुआवजे की दर को लेकर बात अटकी तो हरियाणा के हिसार में प्रॉजेक्ट जा सकता है।

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