पाकिस्तान में कृष्णा कुमारी कोहली ने सीनेट का चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया है। कृष्णा कुमारी शनिवार को पार्लियामेंट की पहली दलित हिंदू महिला सीनेटर चुनी गई। कृष्णा बिलावल भुट्टो जरदारी के नेतृत्व वाले पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (PPP) की तरफ से सीनेटर बनी है। बता दें कि कृष्णा पाकिस्तान के सिंध प्रांत के थार की रहने वाली है और उनकी उम्र 39 साल की है।

पाकिस्तान के अखबार के  मुताबिक, कृष्णा ने सिंध प्रांत की उस सीट से जीत हासिल की है जो महिलाओं के लिए आरक्षित थी। कृष्णा ने चुनाव में तालिबान से जुड़े एक मौलाना को हराया है। कृष्णा का सेनेट के लिए चुना जाना पाकिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यकों के अधिकारों और महिलाओं के लिए मील का पत्थर माना जा रहा है।

कृष्णा अपने भाई के साथ ऐक्टिविस्ट के तौर पर PPP में शामिल हुई थीं। कोलही ने थार में हाशिये पर जी रहे लोगों के अधिकारों की भी आवाज उठाई। कृष्णा स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार से हैं। बता दें कि पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन को अनंतिम परिणामों के अनुसार सेनेट में शनिवार को 15 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इस जीत के साथ ही वह संसद के उच्च सदन में सबसे बडी़ पार्टी बनकर उभरी।

कौन हैं कृष्णा कोहली?

कृष्णा कोहली का जन्म 1979 में पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक बेहद गरीब परिवार में हुआ। उन्हें फैमिली के साथ बचपन के तीन साल उमेरकोट के जमींदार की प्राइवेट जेल में काटने पड़े। यहां उन्होंने बंधुआ मजदूरी की।  कृष्णा की शादी 16 साल में लालचंद नाम के शख्स से हुई, तब वो 9वीं क्लास में पढ़ती थीं। इसके बाद भी कृष्णा ने पढ़ाई जारी रखी और 2013 में सिंध यूनिवर्सिटी से सोशियोलॉजी में मास्टर डिग्री हासिल की।

आपको बता दें कि पहले भी पाकिस्तान में पीपीपी से रत्ना भगवानदान चावला सीनेटर बन चुकी हैं, हालांकि वो दलित नहीं थीं।

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