हरियाणा में किसानों और पुलिस के बीच झड़प पर बोले Rakesh Tikait,’सरकार पांच साल चल सकती है तो हमारा आंदोलन क्यों नहीं’

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Rakesh Tikait,PM Security Breach
Rakesh Tikait

भाजपा के राज्यसभा सांसद राम चंदर जांगड़ा को शुक्रवार को हरियाणा के हिसार में नारनौंद में किसानों की नारेबाजी का सामना करना पड़ा था। साथ ही किसानों ने भाजपा नेता को काले झंडे भी दिखाए। पुलिस और किसानों के बीच हुई झड़प में सांसद की कार का शीशा भी टूट गया था। सांसद ने मामले पर कहा कि किसानों ने उनको जान से मारने की कोशिश की। अब मामले पर किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि यह तो संघर्ष है। यह सब चलता रही रहेगा। टिकैत ने कहा, देश का किसान आंदोलन छोड़कर कहीं नहीं जाएगा। अगर पांच साल तक सरकार चल सकती है तो यह जनता का आंदोलन है और यह भी तब तक चलेगा जब तक एमएसपी की गारंटी पर कानून नहीं बनेगा।

पुलिस और किसानों के बीच हुई थी झड़प

कल किसान मौके पर पहुंचे थे और विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए काले झंडे लहराए। उन्होंने भाजपा सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए। इस बीच भारी पुलिस सुरक्षा तैनात की गई थी, पुलिस के साथ भी झड़प की घटनाएं हुईं। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए इलाके में जमकर बैरिकेडिंग की थी, लेकिन भारी भीड़ को नियंत्रित नहीं कर पाई। किसानों ने कार्यक्रम स्थल में अपना रास्ता बना लिया और सरकार और स्थानीय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।

सांसद ने बताया, ‘हत्या का प्रयास’

सांसद जांगड़ा ने पत्रकारों से कहा, “अपना कार्यक्रम समाप्त करने के बाद, मैं एक अन्य समारोह में शामिल होने के लिए जा रहा था, तभी कुछ लोगों ने मेरी कार पर लाठियां बरसाईं, जिससे वह क्षतिग्रस्त हो गई। कोई हताहत नहीं हुआ।” उन्होंने कहा, “मैंने इस घटना के संबंध में हरियाणा के डीजीपी और एसपी से बात की है। मैंने दोषियों के खिलाफ कानून के अनुसार सख्त सजा की मांग की है। यह एक स्पष्ट हत्या का प्रयास है।”

सांसद ने किसानों को बताया था ‘बेरोजगार शराबी’

सांसद को इससे पहले रोहतक में भी इसी तरह के विरोध का सामना करना पड़ा था। मालूम हो कि सांसद ने किसानों को “बेरोजगार शराबी” कहा था। सांसद ने कहा था, “कृषि कानूनों का कोई विरोध नहीं है। विरोध करने वाले गांवों के बेरोजगार शराबी हैं। वे बुरे तत्व हैं जो इस तरह की चीजें करते रहते हैं। हाल ही में सिंघू सीमा पर कुछ निहंगों द्वारा एक निर्दोष व्यक्ति की हत्या ने इन बुरे तत्वों को लोगों के सामने उजागर कर दिया है। वे किसान नहीं हैं, केवल बुरे तत्व हैं जिनका अब आम लोग भी विरोध कर रहे हैं। मैं नियमित रूप से दिल्ली जाता रहता हूं और देखता हूं कि ज्यादातर टेंट खाली हैं। यह समस्या बहुत जल्द हल हो जाएगी ”।

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