पाटीदार अनामत आंदोलन के दौरान विसनगर विधानसभा सीट से विधायक ऋषिकेश पटेल के ऑफिस में तोड़फोड़ करने के मामले में गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को दोषी पाया गया है। विसनगर अदालत ने हार्दिक को दो साल की सजा सुनाई है और इसके अलावा 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। हालांकि सज़ा के बाद उन्हें तुरंत ज़मानत मिल गई।

पाटीदार अनामत आंदोलन (पास) नेता हार्दिक के अलावा अदालत ने अन्य दो लोगों को भी मामले में दोषी करार दिया है। 2015 में बीजेप विधायक ऋषिकेश पटेल के कार्यालय में तोड़फोड़ करने और दंगा भड़काने के मामले में विसनगर कोर्ट ने 17 आरोपियों में से तीन को दोषी और 14 को बरी कर दिया है।

अदालत ने हार्दिक पटेल, एके पटेल और लालजी पटेल को दोषी ठहराया है। तीनों को दो साल की सजा के अलावा 50-50 हज़ार रुपये का जुर्माना भी भरना है। अदालत ने जुर्माने की रकम में से शिकायतकर्ता रिपोर्टर को 10 हजार, दंगे के दौरान जिसकी कार जलाई गई उसे एक लाख रुपये और भाजपा विधायक ऋषिकेश पटेल को 40 हजार रुपये देने का निर्देश दिया है। अदालत ने दोनों आरोपियों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 147, 148, 149, 427 और 435 के तहत दोषी करार दिया था।

पाटीदार समुदाय के लिए शिक्षा और नौकरी में आरक्षण की मांग को लेकर 2015 में हार्दिक पटेल ने मेहसाणा में आंदोलन किया था, जिसमें हिंसा भड़क गई थी। पाटीदार आंदोलन के दौरान हार्दिक पटेल और 16 अन्‍य के नेतृत्व में 500 लोगों ने बीजेपी विधायक के ऑफिस पर हमला किया गया था।

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