भारत में कई जगह भारी बरसात हो रही है और बिजली भी गिर रही है। इस बीच गुजरात के द्वारकाधीश मंदिर पर कुदरत ने अपना कहर दिखाया लेकिन कुदरत की द्वारकाधीश के सामने कहा चलती, आकाशीय बिजली ने रौशनी से मंदिर को भर दिया। पर कोई जान माल का नुकसान नहीं हुआ।

इस करिश्मा को सुनकर भगवत गीता की एक लाइन याद आरही है, “प्रकृति स्त्री स्वरुपा है, ईश्वर प्रकृति को उसी प्रकार काबू में रखता है जैसे पति अपनी पत्नी को रखता है। मतलब साफ है प्रकृति ईश्वर के काबू में है। उसकी हर चाल ईश्वर के भरोसे ही चलती है।

जब आकाशीय बिजली मंदिर पर गिरी तो द्वारकाधीश की आरती चल रही थी। मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी थी। होने को बहुत कुछ बुरा हो सकता था लेकिन द्वारकाधीश ने अपने भक्तों को बचा लिया। मंदिर में मौजूद एक भक्त कहते हैं हमारे कृष्ण ने हमें इस आपदा से बचाया है।

मंदिर में मौजूद प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, ‘इसके बाद प्रशासन के लोग आए और उन्होंने कहा कि ऐसी घटना के बाद जब ध्वजा चढ़ती तो आधी काटी पर चढ़ती है।’ द्वारिकाधीश में जब बिजली गिरी तो अंदर पूजा पाठ चल रहा था। इस दौरान मंदिर में मौजूद एक महिला श्रद्धालु ने कहा कि मंदिर पर बिजली गिरी, लेकिन कुछ नहीं हुआ, हम डर गए थे।

मंदिर पर एक ध्वजा लहर रही थी आकाशीय बिजली से वो ध्वजा फट गई लेकिन भक्तों को कुछ नहीं हुआ। इस चमत्कार को भक्त नमस्कार कर रहे हैं। द्वारकाधीस की महिमा का सबूत उनके भक्त खुद दे रेह हैं।

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमे साफ दिख रहा है कि किस तरह से आकाशीय बिजली बड़ी रौशनी के साथ मंदिर पर हमला करती है। अचानक से आस-पास के इलाके में रौशनी बढ़ जाती है। भक्त बेचैन हो जाते हैं। पर कहते हैं ने जो ईश्वर चाहता है वही होता है।

बता दें कि द्वारकाधीश का मतलब है द्वारका के राजा, श्री कृष्ण का यह मंदिर पांच मंजिला है। जानकारों का कहना है कि यह मंदिर 2,300-2,500 साल पुराना है। इस मंदिर का निर्माण 15वीं या 16वीं शताब्दी में हुआ था। कहानियों के अनुसार द्वारा का निर्माण खुद भगवान श्री कृष्ण ने किया था। उन्होंने भूमि के एक छोटे से टूकड़े पर किया था।

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