नीति आयोग की बैठक के बाद यह खबर आई थी कि बैठक में नीति आयोग के सदस्य विवेक देबरॉय ने दलील दी थी कि संसाधन बढ़ाने के लिये व्यक्तिगत आयकर पर दी जाने वाली छूट समाप्त की जाए और साथ ही यह सुझाव दिया था कि कृषि आय को टैक्स के दायरे में लाया जाए। उनका मानना था कि ऐसा कदम उठाने से सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं के लिए अधिक फंड उपलब्ध हो सकेगा। मगर सरकार ने कृषि आय को इनकम टैक्स के दायरे में लाने का खंडन किया है और दलीलों को खारिज करते हुए कहा गया कि सरकार का ऐसा कदम उठाने का कोई इरादा नहीं है।
गौरतलब है कि मंगलवार को तीन साल की कार्ययोजना का खाका पेश करते समय नीति आयोग के सदस्य विवेक देबरॉय ने यह दलील पेश की थी जिसके बाद काफी हंगामा भी हुआ था। बयान पर वित्त मंत्री अरुण जेटली स्वयं आगे आए और सारे भ्रमों को दूर करते हुए साफ किया कि सरकार ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगी। जेटली ने बताया कि उन्होंने नीति आयोग की रिपोर्ट में कृषि आय पर इनकम टैक्स से जुड़ा पैराग्राफ पढ़ा है। मगर केंद्र सरकार का कृषि आय पर किसी भी तरह का टैक्स लगाने की कोई योजना नहीं है। जेटली मे आगे कहा कि अधिकारों के संवैधानिक बंटवारे के तहत कृषि आय पर टैक्स लगाना केंद्र सरकार के कार्यक्षेत्र में नहीं आता।
वहीं नीति आयोग ने बताया कि यह नीति आयोग का कोई आधिकारिक बयान नहीं है बल्कि देबरॉय का व्यक्तिगत बयान और पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया। बताते चलें कि नीति आयोग बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी, जबकि 27 राज्यों के मुख्यमंत्री उसमें शामिल हुए थे।