शहीद बीएसएफ जवान नरेंद्र सिंह के साथ पाकिस्तान की बर्बरता ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। पाकिस्तान के हमले में शहीद बीएसएफ जवान नरेंद्र सिंह की शहादत और उनके शव के साथ बर्बरता का बदला लेने के लिए सरकार अब एक्शन के मूड में है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देने की बात कही है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ”कुछ भी हो जाए पहली गोली मत चलाना लेकिन अगर उधर से गोली चलती है तो फिर भारत की ओर से चलने वाली गोलियों को गिना नहीं जाना चाहिए। सीमा पर हालात बदल चुके हैं।”इस बीच जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर में पाकिस्तान की फायरिंग में शहीद बीएसएफ जवान नरेंद्र सिंह का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

पाकिस्तानी सेना ने पहले तो शहीद जवान पर गोलीबारी की और बाद में उनके शरीर के साथ बर्बरता की थी, जिससे पूरे देशभर में पाकिस्तानी के खिलाफ गुस्सा है। प्रधानमंत्री मोदी के बधाई संदेश के जवाब में इमरान खान ने लिखा, ”मैं आपकी बधाई के लिए धन्यवाद करता हूं। मैं आपकी भावनाओं का सम्मान करता हूं कि दोनों देशों के लिए आगे बढ़ने का एक मात्र रास्ता रचनात्मक बातचीत में है। इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि भारत और पाकिस्तान के बीच चुनौतीपूर्ण संबंध हैं। पाकिस्तान आतंक पर बात करने के लिए तैयार है। इसके साथ ही व्यापार, पर्सन टू पर्सन कॉन्टेक्ट, धार्मिक पर्यटन और मानवता भी महत्वपूर्ण मुद्दे हैं।”

इमरान खान एक तरफ आतंक पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं तो वहीं दूसरी तरफ सीमा से आतंकी और पाकिस्तान की फौज लगातार भारतीय जवानों के संयंम की परीक्षा ले रहा है। आतंक पर बिना किसी वादे के शांति वार्ता का प्रस्ताव रखने वाले इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने बाद भी सीमा पर कुछ नहीं बदला है। 18 अगस्त को इमरान पीएम बने, 1 महीने 2 दिन में भारत के 9 जवान शहीद हुए। 6 जवान आतंकी हमले में जबकि एक जवान सीजफायर में शहीद हुआ। वहीं 2 जवान को आतंकियों ने अगवा कर मार डाला।

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