पांचों वामदलों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर चुनावों के मद्देनजर लोगों को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर भ्रमित करने का आरोप लगाया है और कहा है कि यदि प्रधानमंत्री वास्तव में नेताजी का सम्मान करते हैं तो सरकार को उनकी जयंती को ‘देश प्रेम दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा करनी चाहिए। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी , भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी , ऑल इंडिया फारवर्ड ब्लाक, रिवोल्युशनरी सोशलिस्ट पार्टी और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) ने एक वक्तव्य जारी कर पीएम मोदी पर चुनावों को देखते हुए नेताजी का नाम भुनाने का आरोप लगाया है।

वामदलों ने कहा है कि पीएम मोदी ने गत 21 अक्टूबर को नेताजी की आजाद हिन्द सरकार के गठन के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने इस मौके पर लंबा भाषण दिया लेकिन राष्ट्र की अखंडता और सांप्रदायिक सदभावना जैसे ज्वलंत मुद्दों के बारे में कुछ नहीं कहा। वामदलों ने कहा कि नेताजी ने सदैव समावेशी राजनीति की और सभी जाति, संप्रदाय, धर्म और पुरूष तथा महिलाओं को आजादी के संग्राम का हिस्सा बनाया।

वामदलों ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी ऐसी सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं जो सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को बढावा दे रही है। घृणा और हिंसा की घटनाओं में मुस्लिमों , दलितों और धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले किये जा रहे हैं। ऐसे में पीएम मोदी द्वारा नेताजी को श्रद्धांजलि देना और उन्हें याद करना ढोंग तथा पाखंड है।

वामदलों ने कहा कि देश के लोग नेताजी को जननायक के रूप में देखते हैं और उनकी लंबे समय से मांग है कि नेताजी की जयंती को ‘ देश प्रेम दिवस ’ के रूप में मनाया जाना चाहिए। साथ ही नेताजी की आजाद हिन्द सरकार और आजाद हिन्द फौज के देश के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान का भी संकलन किया जाना चाहिए। वामदलों ने कहा है कि यदि सरकार यह घोषणा नहीं करती है तो यह साफ हो जायेगा कि श्री मोदी चुनावों को देखते हुए लोगों को भ्रमित कर दोबारा सत्ता हथियाने के लिए ढोंग कर रहे हैं।

-साभार, ईएनसी टाईम्स

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