वाराणसी के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में शनिवार देर रात छेड़खानी के खिलाफ आंदोलन कर रही छात्राओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। वीसी से मिलने के लिए धरने पर बैठे छात्रों पर सुरक्षाकर्मियों के लाठीचार्ज से मामला पूरी तरह बिगड़ गया। गुस्साए छात्रों ने पथराव किया और वाहनों में आग लगा दी।  फिर पुलिस ने छात्रों की भीड़ को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठी चार्ज किया। 18 राउंड हवाई फायरिंग की। बवाल के चलते एक दारोगा व सिपाही समेत दर्जनों छात्रों को भी गंभीर चोट आई है।

Girls protesting against tampering In BHUबता दें कि बीएचयू की त्रिवेणी हॉस्टल की छात्राएं बीते शुक्रवार से बीएचयू के गेट पर धरने पर बैठी हैं। वो अपनी समस्याओं को लेकर वीसी से मिलने की जिद पर अड़ी थीं, वीसी कार्यालय ने 4-5 छात्राओं को मिलने की बात कही, लेकिन छात्राएं चाहती थीं कि वीसी से बातचीत सभी के सामने हो, लिहाजा बात नहीं बनी। फिर शनिवार शाम वीसी धरना स्थल पर जाने के बजाय त्रिवेणी हॉस्टल में दूसरे गुट की छात्राओं से मिलने पहुंच गए, जो इस आंदोलन से अलग हो चुकी थीं। जिसकी जानकारी होते ही छात्राओं को समझ में आने लगा, कि वीसी आंदोलन को तोड़ना चाहता है। धरने पर बैठी छात्राएं वीसी के दफ्तर पहुंचकर नारेबाजी करने लगी उसी वक्त मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने पहले तो उन्हें रोका, लेकिन उग्र होता देख पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।

पुलिस कार्रवाई में जहां कई छात्राओं का सिर फट गया वहीं कई अन्य को भी चोटें आई हैं। मारपीट और पथराव के बीच दस बमों के धमाकों से दो-ढाई किलोमीटर का इलाका थर्रा उठा। हालात को काबू में करने के लिए जिले के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर डटे हुए थे मगर फोर्स की भारी कमी के चलते केवल बिड़ला हास्टल में ही फोर्स घुस सकी। हालांकि फोर्स की कमी, आसपास घना अंधकार व इसी बीच लगभग दस बम धमाकों के चलते फोर्स को हास्टल से बाहर निकलने का आदेश देना पड़ा। पुलिस वायरलेस पर लगातार और फोर्स भेजे जाने की डिमांड कर रही थी।

वहीं इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी के मुखिया और सूबे के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। अखिलेश यादव ने एक ट्वीट कर कहा है कि बल के बजाय बातचीत से सरकार को हल निकालना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीएचयू में छात्रों पर लाठी चार्ज निंदनीय है और इसके लिए उन्होंने सरकार से कहा है कि इस घटना के दोषी अधिकारियों के खिलाफ सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए।

हालांकि घटना के बाद मौके पर पहुंचे चीफ प्रॉक्टर ओएन सिंह ने कहा कि छात्राओं को समझाने की कोशिश हो रही है। सभी दोषी लड़कों पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं हंगामे को देखते हुए 2 अक्टूबर तक के लिए कॉलेज को बंद कर दिया गया हैं।

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