फायरब्रांड नेता केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह नवादा में नीतीश कुमार सरकार के खिलाफ गरजे। साल 2017 में शहर में तनाव फैलाने के आरोपी और जिला बजरंग दल के संयोजक जितेंद्र प्रताप जीतू और विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष कैलाश विश्वकर्मा से नवादा जेल में मुलाकात की। दोनों की गिरफ्तारी के खिलाफ जमकर राज्य सरकार और सीएम नीतीश कुमार पर बरसे और कहा, नीतीश कुमार की सरकार हिंदुओं को अपमानित कर रही है। गिरिराज सिंह यहीं नहीं रुके कहा, शासन और प्रशासन के दिमाग में एक ही बात बैठी है कि कम्युनल हार्मोनी तभी पटरी पर लाई जा सकती है। जब हिंदुओं को दबा दिया जाए लेकिन, हिंदुओं पर डंडे चला कर समाज में सदभावना कायम करना एक घटिया सोच से ज्यादा कुछ नहीं है।

नवादा हिंसा में आरोपी हैं बजरंग दल के दोनों नेता

अपने बेबाक बयानों के लिए सुर्खियां बनने वाले गिरिराज सिंह यही नहीं रुके कहा, जिला बजरंग दल के संयोजक जितेंद्र प्रताप जीतू और विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष कैलाश विश्वकर्मा को सांप्रदायिकता को दूर करने की सजा पुलिस और प्रशासन ने दी है।Giriraj Singh met the leaders of closed Hindu organizations in jail,

मंत्री ने कहा, सच्चाई तो ये है कि नवादा हिंसा के समय जिला बजरंग दल के संयोजक जितेंद्र प्रताप जीतू और विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष कैलाश विश्वकर्मा ने जिले में बहुसंख्यक समाज के लोगों ने सामाजिक सद्भाव को कायम करने की सराहनीय पहल की थी। फिर वो चाहे अकबरपुर, रजौली, मननपुर, पकरीबरावां का धमौल हो या चाहे नवादा हो। सभी जगह इन्होंने सामाजिक सद्भाव को कायम रखने के लिए कदम उठाया लेकिन उन लोगों पर शहर का माहौल खराब कर तनाव उत्पन करने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया।

गिरिराज सिंह को आलोचनाओं की परवाह नहीं

गिरिराज सिंह नवादा से ही सांसद हैं, मौसम भी चुनावी है ऐसे में जेल में बंद  वीएचपी नेताओं से मुलाकात पर सियासत तो होगी ही। लेकिन, कट्टर हिंदूत्व की बात करने वाले गिरिराज सिंह को विरोधियों के हमलों और आलोचनाओं की परवाह ही कब रही है। उन्होंने कह भी दिया कि आंदोलन के लिए लोगों का सहयोग करना उनका संवैधानिक अधिकार है। वैसे गिरिराज सिंह और नीतीश कुमार की पुरानी अदावत रही है। वो तब भी नीतीश के खिलाफ आग उगलते थे जब उनकी सरकार में मंत्री पद पर सुशोभित थे।

                                                                                                                         एपीएन ब्यूरो

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