भारत को अमेरिका की बड़ी कार कंपनी जनरल मोटर्स से बड़ा झटका मिला है। अब जनरल मोटर्स 2017 के आखिर तक भारत में गाड़ियाँ बेचना बंद कर देगी। हालांकि कंपनी ने कहा है कि वह भारत में कारों के एक्सपोर्ट पर ज्यादा ध्यान देगी। जीएम बेंगलुरु में अपना ऑपरेटिंग सेंटर जारी रखेगी। साथ ही वह भारत में मैन्यूफैक्चरिंग ऑपरेशन के लिए दो प्लांट पर भी ध्यान देगी। जीएम पश्चिमी गुजरात में चाइनीज ज्वाइंट वेंचर कंपनी पार्टनर SAIC Motor Corp को बेचने की योजना बना रही है।
बताया जा रहा है कि कंपनी न सिर्फ भारत बल्कि चार इंटरनेशनल मार्केट से भी अपना नाता तोड़ रही है, जिसमें रूस, यूरोप और साऊथ अफ्रीका शामिल है। जनरल मोटर्स इंडिया ने कहा है कि यह फैसला उन्होंने कंपनी के दुनिया भर में मौजूद परफॉर्मेंस का रिव्यू करने के बाद लिया गया है। जीएम एक्जीक्युटिव वाइस प्रेसिडेंट और जीएम इंटरनेशनल के प्रेसिडेंट स्टीफन जैकब ने बताया कि भारत में कंपनी ने जो इन्वेस्टमेंट प्लान किया था, उस हिसाब से कंपनी को फायदा नहीं मिल रहा है। कंपनी ने यह भी बताया कि उन्हें लीडरशिप पोजीशन को हासिल करने और डोमेस्टिक मार्केट में लॉन्ग टर्म में ज्यादा फायदा हासिल करने में मदद भी नहीं मिल रही है। इसके बाद कंपनी भारत में नई लो-कॉस्ट व्हीकल्स मैन्यूफैक्चरिंग लाइन पर किए जाने वाले 1 अरब डॉलर के निवेश को भी जल्द रद्द करेगी।
इस कदम से कंपनी 10 करोड़ डॉलर प्रति वर्ष बचाने की उम्मीद कर रही है। बीते साल कंपनी को करीब 80 करोड़ डॉलर का नुकसान झेलना पड़ा था। भारत में जनरल मोटर्स इंडिया शेवरले ब्रांड के तहत अपनी कारों को बेच रही है। इन कारों में सबसे पॉपुलर कार बीट है। इसके अलावा, स्पार्क, सेल, इन्जॉय, क्रूज ट्रेलब्लेजर कार भी शामिल है। कंपनी के इस फैसले के बाद जाहिर सी बात है कि भारत के घरेलू उत्पादन बढ़ाने वाली नीतियों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।