मध्यप्रदेश के साथ साथ लगे हाथ राजस्थान में भी सरकार बनाने में सफल होने के बाद कांग्रेस के लिए दोहरी खुशी वाली बात थी। समय बीता …. राजनीति की शतरंज की बिसात पर कमलनाथ को बीजेपी ने मात दे दी। अब राजस्थान में भी कांग्रेस सरकार पर खतरा मंडराता दीख रहा है।

राजस्थान में एसओजी ने जब अवैध हथियारों और तस्करी पर निगरानी के लिए जब कुछ फोन सर्विलांस पर लिए तो राजस्थान सरकार को अस्थिर करने के मामले का खुलासा हुआ। एसओजी ने इस बारे में दो मोबाइल नंबरों की निगरानी से सामने आये तथ्यों के आधार पर राज्य में विधायकों की खरीद फरोख्त और निर्वाचित सरकार को अस्थिर करने के आरोपों में शुक्रवार को एक मामला भी दर्ज किया है। एसओजी अधिकारियों के अनुसार इन नंबरों पर हुई बातचीत से ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य सरकार को गिराने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों को प्रलोभन दिया जा रहा है।

राजस्थान की कांग्रेस सरकार को गिराने की साजिश के खुलासे और एसओजी की ओर से केस दर्ज करने के बाद खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त और अपनी सरकार गिराने की कोशिश का आरोप लगाया। गहलोत ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि बीजेपी उनकी सरकार गिराने की साजिश रच रही है। उन्होंने सीधे-सीधे आरोप लगाया कि विधायकों को 25-25 करोड़ रुपये का ऑफर दिया जा रहा है।

गहलोत ने कहा कि चाहे सतीश पूनिया हों या राजेंद्र राठौर, वे केंद्रीय नेतृत्व के इशारों पर हमारी सरकार गिराने के लिए गेम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि विधायकों को 10-10 करोड़ रुपये अडवांस देने और सरकार गिरने के बाद 15-15 करोड़ रुपये देने का लालच दिया जा रहा है।

हॉर्स ट्रेडिंग के पीछे डेप्युटी सीएम सचिन पायलट की सीएम बनने के लिए साजिश और कांग्रेस में गुटबाजी के सवाल पर मुख्यमंत्री गहलोत ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘कौन नहीं चाहता है मुख्यमंत्री बनना? हमारी तरफ से 5-7 कैंडिडेट मुख्यमंत्री बनने के लायक होंगे लेकिन सिर्फ एक ही सीएम बन सकता है। जब कोई सीएम बन जाता है तो बाकी दूसरे शांत हो जाते हैं।’ हालांकि, बाद में उन्होंने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं है।

विधायकों को प्रलोभन देकर राज्य की निर्वाचित कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के प्रयास के आरोपों पर राजस्थान पुलिस के विशेष कार्यबल एसओजी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी को बयान देने के लिए बुलाया है।

हम आपको बता दें कि गत 19 जून को भी राज्य से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव से पहले सत्तारूढ़ कांग्रेस ने कुछ विधायकों को प्रलोभन दिए जाने का आरोप लगाया था। पार्टी की ओर से इसकी शिकायत विशेष कार्यबल (एसओजी) को की गयी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि राज्य में विधायकों को प्रलोभन दिया जा रहा है और करोड़ों रुपये की नकदी जयपुर स्थानांतरित हो रही है। राज्य विधानसभा में कुल 200 विधायकों में से कांग्रेस के पास 107 विधायक और भाजपा के पास 72 विधायक हैं। राज्य के 13 में से 12 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी कांग्रेस को है।

बहरहाल मामले की गंभीरता देखते हुए जांच की जा रही है। इस बीच बीजेपी ने अपने उपर लगे आरोपों से पल्ला झाड़ लिया है। बीजेपी ने इन आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा है कि गहलोत सरकार अपने ही अंतर्विरोधों का शिकार है। गहलोत सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है। यह राजस्थान की जनता की आकांक्षाओं पर खरी नहीं उतरी है और शीघ्र ही अपनी गलतियों की वजह से गिर जाएगी।

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