कभी बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमों मायावती का दाहिना हाथ रहें नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने अपने समर्थकों के साथ 22 फरवरी को दिल्ली में कांग्रेस का दामन थाम लिया है। सिद्दीकी के कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण के दौरान कुछ ऐसा हुआ कि जिसे देख वहां मौजूद सभी कार्यकर्ता और नेता हैरान रह गए। दरअसल, जब सिद्दीकी कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर रहें थे तो उस समय वह तीन बार कांग्रेस की जगह बसपा बोल गए।

उन्होंने सदस्यता ग्रहण करते समय कहा कि मैंने बीएसपी की सदस्यता ग्रहण की है। इस दौरान गलती से उन्होंने कांग्रेस की जगह बीएसपी कहा और फिर माफी मांगी। इस गलती पर उन्होंने कहा कि मैंने 34 साल बीएसपी को दिए हैं, 34 मिनट तो जुबान से हटने में लगेगा ही। तभी गुलाम नबी आजाद बोले कि एक महीने की माफी है।

इसके बाद नसीमुद्दीन ने शेर पढ़ा, इंदिरा को याद किया और बोले कि मेरे बाप दादा बसपा में थे। यहां भी वो गलती कर गए। इसके बाद लोग खूब हंसे और बीच में राजबब्बर बोले- दिल का दर्द बाहर आ गया। हालांकि, उन्होंने कहा, ‘दिल दिमाग में बीएसपी ही रही है तो मैं कांग्रेस की जगह बीएसपी का नाम लेने के लिए माफी चाहूंगा।’

बता दें कि बीएसपी से निकाले जाने के बाद सिद्दीकी ने मायावती पर कई आरोप लगाए थे। उन्होंने मायावती और खुद के ऑडियो रिकार्डिंग भी जारी की थी, आरोप लगाया था कि इसमें मायावती उनसे पैसे पहुंचाने की बात कर रही हैं।

गौरतलब है कि सिद्दीकी पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनावों और 2014 लोकसभा चुनाव में बसपा के प्रभारी थे। सिद्दीकी उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में बांदा जिले के हैं। वह मायावती की चारों कार्यकाल में मंत्री रहे। वहीं निष्कासन के बाद सिद्दीकी ने राष्ट्रीय बहुजन मोर्चा की स्थापना की।

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