बिहार की सियासत गर्म हो चुकी है क्योंकि राजनीति के महापण्डित माने जाने वाले आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने साढ़े तीन साल की सज़ा सुनाई है। लालू को सजा के पांच लाख का जुर्माना भी कोर्ट ने लगाया है। साथ ही अगर लालू यह जुर्माना नहीं दे पाए तो कोर्ट ने 6 महीने की अतिरिक्त सजा का प्रावधान किया है। एक तरफ जहां इस फैसले का बीजेपी और सत्तारुढ़ जेडीयू ने स्वागत किया है तो वहीं आरजेडी ने कहा है कि इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में चुनौती देंगे। इसके साथ ही कोर्ट ने दूसरे दोषी जगदीश शर्मा को 8 साल की सजा के साथ 10 लाख के जुर्माने का फैसला सुनाया। साथ  ही अन्य दोषियों फूलचंद, आरके राना और महेश को भी 3.5 साल की सज़ा सुनाई गई है।

सजा के ऐलान के बाद लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की प्रतिक्रिया आई। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि जो गरीबों के लिए लड़ेगा, उनकी आवाज उठाएगा, उसे ऐसे ही घेरा जाएगा। देश की जनता आक्रोश में है। पीएम मोदी बैठकर मलाई खा रहे हैं। इससे पहले शुक्रवार को लालू प्रसाद को कम से कम सजा देने का आग्रह लालू के वकील ने अदालत में किया था। उन्होंने कहा था कि लालू की उम्र 70 साल हो गई है। उन्हें कई तरह की बीमारियां हैं। उनके हार्ट का वाल्व बदला गया है। डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की भी शिकायत है। ऐसे में उन्हें कम से कम सजा मिलनी चाहिए। लेकिन आखिरकार हाईकोर्ट ने उन्हें साढ़ें तीन साल की सजा सुना दी।

जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने अदालत के इस फैसले पर खुशी जाहिर की। त्यागी ने कहा, ‘हम इस फैसले का स्वागत करते हैं। यह बिहार की राजनीति में एक ऐतिहासिक फैसला साबित होगा।’ इस दौरान उन्होंने लालू का नाम लिए बगैर कहा कि यह एक चैप्टर का अंत है। वहीं आरजेडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज कुमार झा ने कहा है कि इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे। झा ने कहा कि पार्टी के पास जो भी साक्ष्य हैं, उन्हें उच्च सदन में रखेंगे। वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने भी इस फैसले पर खुशी जाहिर की।

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