जम्मू और कश्मीर में जारी बर्फ़बारी से राज्य में बाढ़ जैसे हालत बन गए हैं। राज्य में बर्फबारी से आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। इससे आम लोगों के साथ सेना को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसी बीच जम्मू कश्मीर स्थित लद्दाख जिले के बटालिक में हिमस्खलन के चलते सेना की एक पोस्ट धंस गई। इस घटना में पांच जवान बर्फ में दब गए हैं।  पांच में से तीन जवानों की दबने से मौत हो गई जबकि दो जवानों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।

Flood conditions in Jammu and Kashmirबारिश और हिमस्खलन की घटनाओं के बीच जान माल की क्षति की पूरी जानकारी अभी नहीं मिल सकी है। प्रभावित इलाकों में फंसे हुए नागरिकों को सुरक्षित निकलने के लिए सेना के जवान मुस्तैदी से लगे हुए हैं। बाढ़ नियंत्रक विभाग ने झीलों और नदियों के जलस्तर की निगरानी के लिए सभी कर्मचारियों की छुट्टियाँ रद्द करते हुए चौबीसों घंटे तैनात रहने का निर्देश दिए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से बात की और बाढ़ की स्थिति से निबटने के लिए हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाया। इस संबंध में पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ”राज्य में बाढ़ के हालात को लेकर जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से बात की। हालात से निपटने के लिए केंद्र से हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाया है।”

राज्य भर के कई इलाकों में मौसम को देखते हुए हाईअलर्ट घोषित किया गया है। नदी-नाले और दरियाओं में पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। सीमा पार से व्यापार पर भी फिलहाल रोक लगा दी गई है। अप्रैल के महीने में ऐसी जबरदस्त बर्फबारी और बारिश करीब 10 साल बाद हो रही है। श्रीनगर सहित पूरी घाटी में भारी बर्फबारी के कारण स्कूल, कॉलेज सहित जम्मू-नेशनल राजमार्ग को रविवार तक बंद कर दिया गया है। मौसम की वजह से श्रीनगर से 10 उड़ाने रद्द करनी पड़ी और सड़क यातायात भी प्रभावित हुआ है। ताज़ा समाचार मिलने तक राज्य के कई इलाकों में बारिश रुक गई है। नदियों के जलस्तर में भी गिरावट दर्ज की गई है।

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