जर्जर भवन, हर तरफ सीलन, टूटी दीवारें, कभी भी भरभरा कर ढह जाने वाली छत। पढ़ाई कर भविष्य बनाने की बजाय कभी भी बच्चों की जान पर आफत बनकर टूटने वाली छत। इस जर्जर निर्माण का नाम है बुंगधार प्राथमिक विद्यालय। कोटद्वार स्थित बुंगधार प्राइमरी स्कूल बड़े-बड़े बंगलों में रहने वाले सरकारी अधिकारियों और मंत्रियों को मुंह चिढ़ा रहा है। इस खस्ताहाल स्कूल की तस्वीरे जीता जागता सबूत है कि आखिर कैसे मौत के साये में 14 नौनिहाल अपना भविष्य तलाश रहे हैं।

छत खस्ताहाल, दीवारों पर काई का बसेरा
स्कूल की हालत इतनी खराब है कि कभी भी स्कूल की छत और दीवार बच्चों पर मौत पर बनकर कहर ढा सकती हैं। मासूम बच्चियां बताती हैं कि कैसे सीलन भरे बदबूदार कमरे में बिना बेंच उन्हें जमीन पर बैठकर पढ़ना पड़ता है। स्कूल की छत से पानी टपकता है। दीवार पर काई का बसेरा है। जैसे ही आसमान में काले बादल घिरते हैं वैसे ही बच्चे अपनी जान बचाने के डर से घर रवाना हो जाते है कि कहीं स्कूल की छत उनकी सांसों पर हमेशा के लिये लगाम न लगा दे।

अधिकारी कर रहे हैं हादसे का इंतजार?
अधिकारियों को कभी भी बच्चों की जान लेने वाले खस्ताहाल बुंगधार प्राथमिक विद्यालय की बार-बार सूचनाएं दीं गईं। लेकिन सरकारी फाइलों में स्कूल का मौसम गुलाबी ही रहा है। शिक्षिका संतोषी रावत ने साफ लफ्जों में सच बयान किया कि हर साल लिखित सूचना दी जाती है। सूचना की रिसीविंग भी फाईलों में रखी हुईं हैं लेकिन कुछ नहीं हुआ। जैसे कि अधिकारियों को बड़े हादसे का इंतजार हो।

इसे स्कूल कहना भी एक बड़ी गलती है !
पिछले पांच वर्षो से प्राथमिक विद्यालय बुंगधार की छत पूरी तरह क्षतिग्रस्त है। कई बार विभागीय अधिकारियों को ग्राम प्रधान ने इसकी सूचना। लेकिन पांच वर्ष बीत जाने के बाद भी विद्यालय पर सरकारी नजरें इनायत होना तो दूर किसी ने झांका तक नहीं।

विधायक ऋतु खंडूरी का टका सा जवाब
इलाके की विधायिका ऋतु खंडूरी का दावा है कि स्कूलों की बेहतरी की तरफ उनका ध्यान है। वह कोशिश कर रहीं हैं। विधायिका ऋतु खंडूरी ने सच को स्वीकार करने में कोई देरी नहीं की। कहा, लगभग सभी स्कूल टपक रहे हैं विधायक निधि से जितना हो सकता है उतना वह कर रही हैं। शिक्षा मंत्री से भी बात की है लेकिन स्कूलों को बेहतर कराने में वक्त भी लगेगा। साथ ही कह दिया कि, चाहे एक साल लगे या ज्यादा। उनके पास कोई जादू की छड़ी नहीं है। जो घुमाते ही सब कुछ ठीक कर दे।

अनहोनी होती है तो कौन होगा जिम्मेदार ?
विधायिका ऋतु खंडूरी ने बीते विधानसभा चुनाव में इलाके का विकास करने, हालात को बेहतर बनाने का वादा कर चुनाव में जीत के लिये हाथ जोड़कर वोट मांगे। लेकिन जीत के बाद उनका दावा है कि उनके पास जादू की छड़ी नहीं है ऐसे में सरकार की सोच पर सवाल उठने लाजिमी हैं। ऐसे में सवाल यही है कि, कोटद्वार स्थित बुंगधार प्राइमरी स्कूल में मासूमों के साथ कभी कोई अनहोनी होती है तो कौन जिम्मेदार होगा। ?

ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन

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