गर्मी अभी शुरू ही हुई है और आसमान से आग बरसने लगी है। मौसम की जानकारी देने वाली निजी कंपनी स्काईमेट के मुताबिक, साल 2017 में मॉनसून सामान्य से भी कम रहेगा। स्काईमेट के अनुसार, इस साल 95 फीसदी बारिश का अनुमान है। हालांकि, बारिश में 5 फीसदी कम या ज्यादा फर्क देखने को मिल सकता है। इसके अनुसार जून से सितंबर महीने के बीच 887 मिमी बारिश का अनुमान है। हालांकि इसमें गिरावट के आसार हैं।

बता दें कि देश में 70 प्रतिशत बरसात इन्ही महीनों में होती है जिस पर खेती निर्भर करती है और यह खरीफ फसलों के लिए महत्वपूर्ण है। स्काईमेट के अनुसार अल नीनो का असर मानसून पर हावी हो सकता है और इसके चलते सामान्य मानसून की 50 फीसदी की उम्मीद है।

अल नीनो का असर इस साल के मानसून पर दिख सकता है। भारत के लिहाज से ये चिंता की बात है। हालांकि, एक रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ अल नीनो का असर बारिश और फसलों पर असर नहीं डाल सकता। ऑस्ट्रेलियन ब्यूरो ऑफ मीटिरियोलॉजी के मुताबिक, 2017 में अल नीनो इफेक्ट के बढ़ने की संभावना है।

2014 में सामान्य से 12% कम बारिश हुई। देश के कई हिस्सों में सूखा पड़ गया। इस दौरान मॉनसून पिछले पांच सालों में सबसे कमजोर रहा। 2015 में भी मॉनसून कमजोर रहा और सिर्फ 86% बारिश हुई। लगातार दूसरे साल सूखा पड़ा। 2016 में अल नीनो को ला नीना ने रिप्लेस किया। 97% यानी करीब नॉर्मल बारिश हुई। हालांकि, देश के खेती वाले हिस्सों में बहुत ज्यादा बारिश नहीं हुई और इसका नुकसान देखने मिल सकता है।

क्या है स्काईमेट की भविष्यवाणी?

  • ज्यादा बारिश की संभावना 0% (ज्यादा बारिश से मतलब 110% या उससे ज्यादा)
  • नॉर्मल से ज्यादा बारिश की संभावना 10% (यानी 105 से 110%)
  • 50% संभावना नॉर्मल बारिश की (यानी 96 से 104%)
  • 25% संभावना नॉर्मल से कम बारिश की (90 से 95%)
  • 15% संभावना सूखे की (यानी 90% से कम)

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