बुंदेलखंड के बांदा में दबंग सूदखोरों का मकड़जाल बढ़ता ही जा रहा है।  पिछले कुछ सालो में दर्जनों लोग सूदखोरों से बचने के लिए मौत को गले लगा चुके हैं।  पुलिस की शह पर अब इन सूदखोरों का आतंक इतना बढ़ता जा रहा है कि इनके चंगुल में फंसे किसान जान दे रहे हैं और पत्नी और बेटियों को इनके शिकंजे से नहीं बचा पा रहे हैं।   सूदखोरों के आतंक और अत्याचार की बानगी एक बार फिर बांदा में सामने आई है।  जहां ज़रूरत पर सूदखोर से लिए दस हज़ार रूपये किसान को न सिर्फ जानलेवा साबित हुआ बल्कि अब उसकी बेटियों की अस्मत भी खतरे में पड़ी है।

पैसे के बदले मृतक की पत्नी से बेटी बेचने का दबाव

10 हज़ार के एवज़ में दबंग सूदखोर ने मूल रकम से पांच गुना वसूलने के बाद भी किसान को इतना प्रताड़ित किया कि उसने ख़ुदकुशी कर ली लेकिन अब सूदखोर किसान की विधवा को रकम चुकाने के लिए बेटी बेंचने का दबाव बना रहा है।  पीड़ित परिवार पुलिस के पास गया तो पुलिस भी सूदखोर की ही भाषा बोल रही है।  बेबस विधवा अपनी बेटियों को लेकर पुलिस अधीक्षक के दर पर भटक रही है लेकिन एसपी साहिबा से भी उनकी मुलाकात नहीं हो पाई है वहीँ इस मामले अपर एसपी का कहना है कि पीड़िता की तहरीर के आधार पर चिल्ला थाना को निर्देशित किया गया है कि दोनों पक्षों को बुलाकर मामले की जांच कर कार्रवाई करे।  पीड़ित पत्नी की मानें तो उसके पति ने गांव के एक शख्स से 10,000 रुपये लिए थे जिस पर 42,000 रुपये भर चुका था।  इसके बाद भी सूदखोर 70,000 रुपये और मांग रहा था, जिससे परेशान होकर उसके पति ने आत्महत्या कर ली थी।   अब महिला अपने परिवार के साथ एसपी कार्यालय पहुंची और अपर एसपी से मिलकर न्याय की गुहार लगाई।

पीड़ित पत्नी ने लगाई एसपी से गुहार

पीड़ित महिला ने अपर एसपी से बताया की वो अपने पति और सयानी लड़की के साथ चिल्ला के एक डिंगवाहट गांव में रहती थी।  उसका पति जनरेटर किराये में देकर उससे मिलने वाले किराये से अपने परिवार का पालन पोषण करता था।  उसके पति ने गांव के ही एक व्यक्ति से 10 हजार रुपये उधार लिए थे, जिसके वह 42 हजार रुपये दे चुका था, लेकिन उसके बावजूद वह लोग 70 हजार रुपये की और मांग कर रहे थे।  न देने पर प्रताड़ित कर रहे थे, घर में आकर गाली गलौज करते थे, जिनसे परेशान होकर पत्नी ने कान के टाप्स भी दे दिए। ।  आरोप है कि जिस जंनरेटर से परिवार का पेट भरता था वो भी दबंग लेकर चले गए थे।  इसी से उसके पति तनाव में रहते थे इतना पैसा कहा से भरेंगे और जनरेटर कैसे छुडवांगे।  इसी से परेशान होकर उसकी पति ने आत्महत्या कर ली थी ।   इसके बाद से लगातार हम लोग चुकी-थाने के चक्कर काट रहे है, पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

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