पांच राज्यों में समाप्त हुए चुनावों के बाद से ईवीएम को लेकर विपक्ष निर्वाचन आयोग और सरकार पर लगातार हमलावर है। इसी के जवाब में आज निर्वाचन आयोग ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। निर्वाचन आयोग द्वारा आयोजित इस बैठक में कई विपक्षी दलों के प्रतिनिधि शामिल होने पहुंचे हैं। इस बैठक में सब की निगाहें आम आदमी पार्टी और उसके विधायक सौरव भारद्वाज पर होंगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि आप की तरफ से सौरव भारद्वाज ने ईवीएम टेंपरिंग का डेमो दिया था और दावा किया था कि इसमें छेड़छाड़ संभव है। इस बैठक में वह आप प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। इससे पहले आप ने कल ईवीएम में छेड़छाड़ मुद्दे को लेकर निर्वाचन आयोग के सामने प्रदर्शन भी किया था।

EVM tampered case- Election Commission convenes all party meetingईवीएम के मुद्दे पर हो रही इस बैठक में कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग कर सकते हैं। इससे पहले कांग्रेस,जद (यू), राजद, सपा, बसपा और वाम दलों सहित कुल 16 अन्य विपक्षी दलों ने ईवीएम में छेड़छाड़ को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी। विपक्षी दल सभी ईवीएम में वोटर वेरिफायेबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) मशीनों को अनिवार्य करने की मांग करते रहे हैं। हालांकि ख़बरों के मुताबिक अब कांग्रेस सहित अन्य दल बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग कर सकते हैं। विपक्षी दलों का यह रुख आम आदमी पार्टी द्वारा ईवीएम को लेकर दिए गए डेमो के बाद सामने आया है। इस बैठक में निर्वाचन आयोग विपक्षी दलों को ईवीएम में छेड़छाड़ करने की चुनौती दे सकता है और इन आरोपों को साबित करने को भी कह सकता है।

इससे पहले निर्वाचन आयोग ने विपक्षी दलों के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा था कि इन मशीनों में छेड़छाड़ संभव नहीं है क्योंकि ईवीएम कंप्यूटर से नहीं चलता। यह मशीनें इंटरनेट से भी जुड़ी नहीं हैं। न इनमे फ्रिक्वेंसी रिसीवर है, न वायरलैस या बाहरी डेटा पोर्ट ऐसे में यह आरोप निराधार हैं। विपक्ष ने निर्वाचन आयोग से यह भी पूछा था कि अन्य विकसित देशों में ईवीएम का प्रयोग नहीं होता वहां बैलेट पेपर से चुनाव कराये जाते हैं। इस आरोप के जवाब में निर्वाचन आयोग ने कहा था कि कई देशों में ईवीएम इसलिए प्रयोग नहीं किये जाते क्योंकि वो इंटरनेट से जुड़ती थीं। निर्वाचन आयोग के जवाबों के बावजूद यह बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में आयोग को अपनी छवि का ध्यान रखते हुए ऐसा फैसला करना पड़ा। अब देखने वाली बात यह है कि इस बैठक के क्या नतीजे सामने आते हैं। आज की बैठक में आयोग विपक्षी दलों को कितना संतुष्ट कर पाता है और अब तक आरोप लगाने में सबसे आगे रही आप ईवीएम में छेड़छाड़ कैसे साबित करती है।

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