पीएनबी घोटाले को अंजाम देकर देश के करोड़ो रुपयों का नुकसान करके विदेश भागने वाले नीरव मोदी पर ईडी जल्द से जल्द बड़ी कार्रवाई करना चाहता है। प्रवर्तन निदेशालय नीरव मोदी की लगभग 7000 करोड़ की संपत्तियों को तत्काल जब्त करने की कोशिश में है। ईडी ने इसके लिए कोशिशें शुरू भी कर दी है। ईडी हाल में लाए गए भगोड़ा आर्थिक अपराध अध्यादेश के तहत नीरव की संपत्तियों को तत्काल जब्त करने की अनुमति पाने के लिए मुंबई में विशेष अदालत में जाएगा। प्रवर्तन निदेशालय मुंबई में पिछले सप्ताह धन शोधन रोधक कानून(पीएमएलए) के तहत दायर आरोपपत्र के आधार पर नीरव मोदी को भगोड़े के रूप में वगीकृत करने को आधिकारिक घोषणा की अपील करेगा।

ईडी ने 24 मई को पीएनबी के दो अरब डॉलर से अधिक के घोटाले में आरोपपत्र दायर किया था।  PMLA की धारा 45 के तहत दायर आरोपपत्र में कुल 24 आरोपियों के नाम हैं। इसमें नीरव मोदी, उसके पिता, भाई नीशल मोदी, बहन पूर्वी मोदी, रिश्तेदार मयंक मेहता और डिजाइनर आभूषण कंपनियां सोलर एक्सपोर्ट्स, स्टेलर डायमंड्स और डायमंड्स आर यू शामिल हैं। बता दें कि केंद्र सरकार ने आर्थिक अपराध कर देश छोड़कर भागने वाले अपराधियों की संपत्ति को जब्त करने से जुड़े आर्थिक अपराध अध्यादेश 2018 को मंजूरी दी है।

ईडी के अफसर ने बताया कि कोर्ट कल 12000 पेज की चार्जशीट पर सुनवाई करेगा। वहीं, ईडी नीरव मोदी के मामले को आर्थिक अपराध अध्यादेश में लाने की मांग करेगा। जिससे की नीरव मोदी की देश-विदेश में मौजूद संपत्तियों की जब्ती जल्द से जल्द शुरू की जा सके। उन्होंने बताया कि यह मुमकिन है कि नीरव मोदी की 7000 करोड़ की संपत्ति को जब्त किया जा सकता है।

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