गली मोहल्लों के मकानों में कंटिया लगाकर बिजली चोरी के मामले तो सामने आते रहते हैं। लेकिन हरिद्वार के कनखल में बिजली चोरी का एक ऐसा मामला पकड़ में आया है, जिसे देख और सुनकर आप अपने दांतों तले उंगलिया दबा लेंगे। ये बिजली चोरी भी किसी दोयम दर्ज के बिल्डर के अपार्टमेंट में नहीं पकड़ी गई है। बल्कि एक संत आश्रम द्वारा बनाए गए अपार्टमेंट में पकड़ी गई है। जी हां, हरिद्वार के कनखल स्थित संत महेंद्र सिंह एनक्लेव की इन अट्टालिकाओं में बाहर से देखने में कुछ भी अनहोनी नजर नहीं आती है, बढ़िया फ्लैट बने हैं लोग भी ठीक ठाक ही रहते हैं। तीन ब्लॉक में से एक ब्लॉक के 30 फ्लैटों के इस अपार्टमेंट में ज्यादातर फ्लैटों में एसी लगे हैं। लेकिन खूबसूरत बने इस अपार्टमेंट का स्याह सच ये है कि इसके फ्लैटों में बल्ब से लेकर पंखे और कूलर से लेकर एसी तक सब चोरी की बिजली पर चलते हैं।

कनखल के नामी आश्रम निर्मल संतपुरा द्वारा बनवाए गए इस अपार्टमेंट पर जिलाधिकारी दीपक रावत ने छापा मारा तो ये हैरान करने वाली सच्चाई सामने आई है। 30 में से सिर्फ एक फ्लैट में ही वैध बिजली कनेक्शन पाया गया। जिलाधिकारी ने बिजली चोरी में लिप्त फ्लेट मालिकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। इतने बड़े पैमाने पर बिजली चोरी पकड़े जाने पर डीएम दीपक रावत भी हैरान रह गए। उन्होंने तुरंत बिजली विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाया और जमकर उनकी क्लास ली।

जिलाधिकारी ने संबंधित एसडीओ के खिलाफ भी करवाई की संस्तुति की है। लेकिन  फ्लैट में रह रहे लोग खुद को निर्दोष बता रहे हैं। फ्लैट मालिक विद्युत विभाग के साथ ही अपार्टमेंट के मालिक और बिल्डर को दोषी बात रहे है। उनका कहना है कि उन्हें यहां रहते हुए काफी अरसा हो गया है मगर अभी तक फ्लैट का उनके साथ बिल्डर और आश्रम वालों ने एग्रीमेंट नहीं किया है जबकि विद्युत कनेक्शन के लिए ज्यादातर फ्लैट वालों ने एनओसी लेने के साथ कनेक्शन का शुल्क भी जमा कर रखा है।

संत महेंद्र सिंह एनक्लेव के इस अपार्टमेंट में लोग पिछले कई महीनों से रह रहे हैं। लगभग हर फ्लैट में एसी और बिजली से चलने वाले अन्य उपकरण लगे हैं। अगर हर महीने हर फ्लैट के बिजली का बिल औसत तीन हजार रुपए भी जोड़ा जाए तो 29 फ्लैटों का तकरीबन एक लाख रुपए बनता है। इस तरह अपार्टमेंट ने अब तक न जाने बिजली विभाग को कितने का चूना लगाया है। ऐसे में इसमें सिर्फ फ्लैट मालिकों के खिलाफ कार्रवाई करने से बात नहीं बनेगी। बल्कि बिल्डर से लेकर प्रमोटर और बिजली विभाग के अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करनी होगी। ताकि भविष्य में कोई इस तरह की गुस्ताखी करने की हिमाकत न कर सके।

—ब्यूरो रिपोर्ट एपीएन

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