वोटिंग मशीन ईवीएम की विश्वनियता पर सवाल उठाने वाले राजनीतिक दलों को चुनाव आयोग ने आज खुली चुनौती दे दी है। चुनाव आयोग ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस बात की घोषणा की कि 3 जून को सभी दलों को ईवीएम हैक करने का अवसर दिया जाएगा। चुनाव आयोग ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को ईवीएम हैक करने के लिए 4 घंटे का वक्त दिया जाएगा।

Election Commission given the challenge, to hack the EVM on 4th of June for 4 hoursचुनाव आयोग की दो चुनौतियां

अब चुनाव आयोग ने 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में हिस्सा लिए सभी राजनीतिक दलों को दो चुनौतियां दी हैं। पहली चुनौती है कि राजनीतिक दल ये साबित करें कि पांच राज्यों में इस्तेमाल हुई ईवीएम के साथ मतदान के बाद छेड़छाड़ हुई और इससे किसी ख़ास उम्मीदवार या पार्टी को जिताया गया। आयोग की दूसरी चुनौती है कि कोई भी ये साबित कर दिखाए कि इन पाँच राज्यों में इस्तेमाल हुई ईवीएम के साथ मतदान से पहले या मतदान के दिन छेड़छाड़ की गई।

ईवीएम छेड़छाड़ के आरोप में कोई दम नहीं: चुनाव आयोग

चुनाव आयोग के मुख्य आयुक्त नसीम जैदी ने कहा कि मार्च में संपन्न हुए 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद ईवीएम के ऊपर सवाल उठने लगे थे। उन्होंने कहा कि कई राजनीतिक पार्टियों ने वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ के आरोप लगाए लेकिन किसी भी दल ने इस आरोप के लिए अभी तक कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया है।  नसीम जैदी ने कहा कि भिंड से भ्रांति फैलाई गई थी लेकिन अब जांच में पाया गया कि डेमो के दौरान चार स्विच से अलग-अलग वोट पड़ रहे थे। ये डेमो के दौरान हुआ था ना कि मतदान के दौरान। वहीं महाराष्ट्र के स्थानीय चुनाव की जिम्मेदारी स्थानीय ऑथिरिटी की थी। उन्होंने भी जांच कराकर आयोग को जानकारी दी कि आरोपों में दम नहीं है। उन्होंने बताया कि EVM स्टैंड अलोन मशीनें हैं, इसमें कोई फ्रीक्वेंसी रिसीवर नहीं है। इनका वायरलेस, वाई-फाई, ब्लूटूथ या इंटरनेट से जुड़ाव नहीं है।

अब EVM के साथ होंगे VVPAT

चुनाव आयोग के अधिकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले VVPAT वाले ईवीएम से वोटिंग कराने की तैयारी करने का आदेश दिया था। इस आदेश के पालन को सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने लोकसभा चुनाव से पहले ही इस साल के अंत में होने वाले गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भी VVPAT युक्त ईवीएम से चुनाव कराने की तैयारी कर ली है। चुनाव आयोग ने बताया कि VVPAT से मतदाता को दिखेगा की वोट किसे गया। EVM के साथ VVPAT के इस्तेमाल से सभी शंकाएं और फैलाए गए भ्रम दूर हो जाएंगे। अगले साल के अंत तक आयोग को सभी VVPAT तैयार मिलेंगी।

‘आप’ के लिए यह सबसे बड़ाचैलेंज

ईवीएम को लेकर सबसे ज्यादा परेशान रहने वाली आम आदमी पार्टी ने हाल ही में ईवीएम हैक करने का एक डेमो जनता के सामने पेश किया था। अब चुनाव आयोग की चुनौती के बाद देखना दिलचस्प होगा कि अरविंद केजरीवाल के धुंरदर और अन्य पार्टी के राजनेता 3 जून को ईवीएम हैक करके दिखा पाते हैं या नहीं।

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