2019 लोकसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। रिवर फ्रंट घोटाला मामले में एनफोर्समेंट डिपार्टमेंट (ईडी) ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। यूपी के लखनऊ में कई जगहों समेत देश के कई राज्‍यों में एक साथ छापेमारी की जा रही है। इन राज्‍यों में यूपी के अलावा हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली शामिल हैं।

बता दें गोमती रिवर फ्रंट अखिलेश यादव के लिए मनपसंद प्रोजेक्ट था और इसका उन्होंने 2017 विधानसभा चुनाव में भी खूब प्रचार किया था। ईडी ने पिछले साल मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था, मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई थी। राज्य में योगी सरकार बनने के बाद गोमती रिवर फ्रंट की सीबीआई जांच के आदेश दिए गए थे।

सीबीआई ने तत्कालीन चीफ इंजीनियर गुलेश चंद्रा, एस.एन शर्मा, काजिम अली, तत्कालीन सुप्रीटेंडेंट इंजीनियर मंगल यादव, अखिल यादव, कमलेश्वर सिंह, रूप सिंह यादव और एग्जीक्यूटिव इंजीनियर सुरेंद्र यादव के खिलाफ FIR दर्ज की थी। इसमें से गुलेश चंद्रा, मंगल यादव, अखिल रमन और रूप सिंह यादव रिटायर हो चुके हैं।

राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर जज के नेतृत्व में एक कमेटी गठित की थी। 16 मई 2017 को इस कमेटी की रिपोर्ट में प्रोजेक्ट में अनियमितताओं की बात कही गई थी। रिपोर्ट के आधार पर 16 मई 2017 को यूपी पुलिस ने केस दर्ज किया था।

अखिलेश यादव से उसी दिन इस मामले की पूछताछ की गई थी। जिस दिन उन्होंने महागठबंधन की घोषणा की थी। अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव में ज्यादा सीटें जीतने का दावा किया है। अखिलेश यादव ने कहा था कि जो हमें रोकना चाहते हैं उनके साथ सीबीआई है।

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