वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने आज पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) घटक दलों के कई शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में मध्यप्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री के तौर पर पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कमलनाथ को दोपहर करीब ढाई बजे राजधानी भोपाल के जंबूरी मैदान में आयोजित एक भव्य समारोह में मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई। इस दौरान संप्रग घटक दलों के वरिष्ठ नेता एच डी देवेगौड़ा, फारुख अब्दुल्ला, शरद पवार, शरद यादव, चंद्रबाबू नायडू समेत एम के स्टालिन और तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे।
LIVE: Swearing-in ceremony of Madhya Pradesh CM Shri @OfficeOfKNath from Bhopal. #IndiaTrustsCongress https://t.co/23peFacDZq
— Congress (@INCIndia) December 17, 2018
भव्य समारोह में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बाबूलाल गौर और कैलाश जोशी भी मंच पर उपस्थित रहे। राजस्थान के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी, पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और पार्टी की उत्तरप्रदेश इकाई के अध्यक्ष राज बब्बर भी इस दौरान मौजूद रहे।
प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पार्टी की चुनाव अभियान समिति प्रमुख ज्योतिरादित्य सिंधिया, वरिष्ठ नेता अजय सिंह समेत लाखों की संख्या में कार्यकर्ता भी समारोह में शामिल हुए। कमलनाथ ने फिलहाल अकेले शपथ ग्रहण की। कुछ दिनों में उनके मंत्रिमंडल का गठन करने की संभावना है।राज्य में 15 साल बाद कांग्रेस ने सरकार में वापसी की है।
मध्यप्रदेश वासियों का हार्दिक अभिनंदन|
आपने सत्य और प्यार के रास्ते पर चलने वाली कांग्रेस पार्टी को विजयी बना कर एक बड़ा संदेश दिया है|आपकी प्रगति हमारा संकल्प है|
हम पूरी लगन से आपकी सेवा करेंगे|कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं को बधाई| आपकी आवाज़ बुलंद रहे| pic.twitter.com/6cZyNtwogD
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 17, 2018
मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ व नई सरकार को बधाई। मध्यप्रदेश के विकास के लिए एक-एक दिन महत्वपूर्ण है। मैं चाहता हूँ कि यह सरकार प्रतिदिन जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश के विकास को आगे बढ़ाए। इसमें हर तरह से सकारात्मक सहयोग हम सरकार को करेंगे। @OfficeOfKNath
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) December 17, 2018
सिख दंगों के कारण कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाये जाने का विरोध
भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ पर 1984 के सिख दंगों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए उन्हें मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाये जाने का विरोध किया है। कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा सिख दंगों के मामले में आज आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी है। कांग्रेस को छोड़कर कई अन्य राजनीतक दलों ने इसका स्वागत किया है लेकिन कहा है कि कमलनाथ भी इस मामले में शामिल हैं और कांग्रेस को उन्हें मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री नहीं बनाना चाहिए।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कमलनाथ का नाम नहीं लेते हुए कहा कि यह विडंबना है कि सज्जन कुमार के बारे में फैसला ऐसे दिन आया है जब सिख समाज एक और कांग्रेसी नेता को इस मामले का दोषी मानता है जबकि कांग्रेस उसे मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला रही है। उल्लेखनीय है कि कमलनाथ ने आज ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है।
Sajjan Kumar’s conviction by the Delhi High Court is a delayed vindication of Justice. The Congress and the Gandhi family legacy will continue to pay for the sins of 1984 riots.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) December 17, 2018
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नैतिक आधार पर इस्तीफे की मांग की है क्योंकि कमलनाथ का नाम सिख दंगों की जांच करने वाले नानावती आयोग के सामने पेश हलफनामे में सबूतों के साथ दिया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने एक ऐसे व्यक्ति को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया है जो सिख दंगों में शामिल हैं और गांधी को उन्हें पार्टी से निकालना चाहिए।
आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने कहा है कि कमलनाथ को जब पंजाब कांग्रेस का प्रभारी बनाया गया था तो लोगों के विरोध पर उन्हें वापस बुलाया गया था लेकिन अब उन्हें मुख्यमंत्री क्यों बनाया जा रहा है। कांग्रेस लोगों के जख्मों पर नमक छिड़क रही है। लोगों ने इन दंगों में भीड़ को भड़काते देखा है लेकिन अभी तक उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की गयी है। इस बीच राजधानी दिल्ली में सिख समुदाय ने कमलनाथ को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाये जाने के विरोध में धरना प्रदर्शन किया और उनका पुतला भी जलाया।