मीडिया में खबरें आयी थी कि भारत और चीन के बीच लद्दाख के पास जारी तनाव पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मध्यस्थता करने का प्रस्ताव रखा है। भारत की ओर से पहले इसे ठुकरा दिया गया और कहा गया है कि भारत और चीन की सीधी और द्विपक्षीय वार्ता हो रही है। एक दिन बाद अब चीन की ओर से भी इसपर बयान सामने आया है। चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारत और चीन आपस में किसी भी विवाद को हल कर सकते हैं।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि भारत और चीन किसी भी आपसी विवाद को बातचीत के दमपर हल कर सकते हैं। ऐसे में किसी तीसरे देश की इस विवाद में जरूरत नहीं है।

इसी विवाद को सुलझाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रस्ताव दिया था। डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ट्वीट किया था कि भारत और चीन अगर चाहें तो अमेरिका दोनों के बॉर्डर विवाद को खत्म करवा सकता है और आपसी सुलह करवा सकता है। इसके अलावा हाल ही में ट्रंप ने कहा कि पीएम मोदी चीन से जारी विवाद पर अच्छे मूड में नहीं हैं।

हालांकि, भारत की ओर से डोनाल्ड ट्रंप के प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया। भारत ने कहा कि वह अपने द्विपक्षीय मसले को खुद ही चीन के साथ सुलझा सकता है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत-चीन आपसी बातचीत से इसका हल निकाल रहे हैं।

हालांकि पूरे विश्व में अब चीन को सबक सिखाने की बात की जा रही है। और कोशिश की जा रही है कि दुनिया के सामने चीन का एक मजबूत विकल्प सामने आये। इस सिलसिले में अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य ही सिफारिश कर रहे हैं कि अमेरिकी कंपनियां भारत में अपना व्यापार लगाएं।

बता दें कि मई महीने की शुरुआत से ही लद्दाख में भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने हैं। चीन की ओर से पहले यहां घुसपैठ की कोशिश की गई, जिसके बाद दोनों देशों के सैनिकों में झड़प हुई और हाथापाई तक नौबत पहुंच गई।

इसके अलावा चीन की ओर से लद्दाख के पास सैनिकों की संख्या बढ़ाकर 5000 के करीब कर दी गई, साथ ही बेस बनाने की खबरें भी आईं। तभी से दोनों देशों में तनाव जारी है, जवाब में भारत ने अभी लद्दाख में सैनिकों की संख्या को बढ़ाया है और कदम पीछे ना हटने की बात कही है। चीन की फितरत है , मुंह में कुछ पेट में कुछ । ऐसे में भारत को धोखेबाज ड्रैगन से संभल कर रहना होगा।

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