अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने और राज्य के पुनर्गठन के बाद 20 देशों के 24 राजनियक दो दिवसीय श्रीनगर दौरे पर पहुंचे हैं। इन दल में ब्राजील, क्यूबा, फ्रांस, आयरलैंड, बेल्जियम, स्पेन, इटली और पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश आदि शामिल है।

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कोरोना काल के बाद धरती की जन्नत पर 20 देशों के राजनियक पहुंचे हैं। इससे पहले 2020 में भी जनवरी और फरवरी में दो चरणों में विदेशी राजनयिकों के समूह पहुंचे थे। 

अमेरिकी राजदूत केनेथ जस्टर समेत वियतनाम, दक्षिण कोरिया, ब्राजील, नाइजर, नाइजीरिया, मोरक्को, गुयाना, अर्जेंटीना, फिलीपींस, नॉर्वे, मालदीव, फिजी, टोगो, बांग्लादेश और पेरू के राजनयिक शामिल थे।

जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान लगातार लोगों के उत्पीड़न की खबरें फैला रहा था। राजनियक के दौरे से पाकिस्तान के प्रॉपेगेंडे को भी इससे करारा जवाब मिलेगा।

जम्मू-कश्मीर में 4जी मोबाइल इंटरनेट सेवा की दोबारा शुरुआत की गई है। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन के बाद अब राज्य नहीं बल्कि केंद्र शासित प्रदेश हो गया है। इसके अलावा लद्दाख भी अब केंद्र शासित प्रदेश है, लेकिन वहां विधानसभा नहीं होगी। एक तरह से लद्दाख चंडीगढ़ मॉडल पर चलेगा, जबकि जम्मू-कश्मीर में दिल्ली की तरह विधानसभा होगी।

हाल ही में हुए जिला विकास परिषद के चुनवों में जम्मू-कश्मीर में लोगों ने पूरे उत्साह के साथ हिस्सा लिया था। यह बात का पुख्ता संकेत है कि केंद्र शासित प्रदेश में हालात सामान्य हैं।

धरती की जन्नत को बदनाम करने की साजिश कुछ अलगाववादी संगठन रच रहे हैं। इसी को लेकर संगठनोंने जम्मू-कश्मीर बंद का ऐलान किया है।

बता दें कि साल 2020 में भी राजनयिकों को जम्मू-कश्मीर में बदले हालातों को देखने के लिए आमंत्रित किया गया था। इसके बाद फरवरी में एक बार फिर से 25 विदेश डिप्लोमैट्स को आमंत्रित किया गया था। इनमें जर्मनी, कनाडा, फ्रांस और अफगानिस्तान के राजनियक शामिल थे।

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